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Reliance Loan Deal: मुकेश अंबानी की रिलायंस ने लिया $2.9 अरब का विदेशी लोन, बनी साल की सबसे बड़ी डील

मुकेश अंबानी को रिलायंस इंडस्ट्रीज को डॉलर और येन में मिला कर्ज, 55 बैंकों ने की भागीदारी

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वसुधा मुखर्जी   
Last Updated- May 15, 2025 | 11:42 AM IST

देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने एक बड़ी फाइनेंशियल डील को अंजाम दिया है। कंपनी ने $2.9 अरब डॉलर के बराबर का विदेशी कर्ज (ऑफशोर लोन) जुटाया है। यह डील 9 मई 2025 को फाइनल हुई और यह बीते एक साल में किसी भी भारतीय कंपनी द्वारा लिया गया सबसे बड़ा विदेशी लोन माना जा रहा है। इस लोन को कंपनी ने दो अलग-अलग मुद्राओं अमेरिकी डॉलर और जापानी येन में लिया है।

इस कर्ज को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला हिस्सा $2.4 अरब अमेरिकी डॉलर में है जबकि दूसरा हिस्सा 67.7 अरब जापानी येन का है, जो लगभग $462 मिलियन के बराबर होता है। इस कर्ज डील में 55 अंतरराष्ट्रीय बैंकों ने हिस्सा लिया, जो इसे इस साल एशिया की सबसे बड़ी सिंडिकेटेड लोन डील बनाता है।

भारत से बेहतर क्रेडिट रेटिंग पर रिलायंस को कर्ज

रिलायंस को यह लोन उसकी मजबूत क्रेडिट रेटिंग की वजह से मिला है। Moody’s ने कंपनी को Baa2 और Fitch ने BBB रेटिंग दी है, जो भारत की सरकारी क्रेडिट रेटिंग (Baa3 और BBB–) से एक पायदान ऊपर है। इसका मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को रिलायंस में अधिक भरोसा है और उसे अधिक सुरक्षित उधारकर्ता माना जा रहा है।

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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस डील के साथ 2025 में अब तक भारतीय कंपनियों ने कुल $10.4 अरब का विदेशी कर्ज जुटा लिया है। यह पिछले एक दशक की तुलना में सबसे तेज़ रफ्तार है। वहीं दूसरी ओर, पूरे एशिया-पैसिफिक (जापान को छोड़कर) में इस साल अब तक सिंडिकेटेड लोन में गिरावट आई है, जो 20 साल के न्यूनतम स्तर पर है।

रिलायंस का फोकस टेक्नोलॉजी और न्यू एनर्जी पर

रिलायंस इस समय अपने पुराने व्यवसायों के साथ-साथ नई तकनीकों और ऊर्जा स्रोतों पर भी बड़ा निवेश कर रही है। अगस्त 2024 में हुई AGM में मुकेश अंबानी ने कहा था कि रिलायंस का लक्ष्य दुनिया की 30 सबसे मूल्यवान कंपनियों में शामिल होना है, जबकि फिलहाल यह टॉप 50 में है। उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी अब सिर्फ तकनीक का उपयोग करने वाली नहीं, बल्कि तकनीक बनाने वाली कंपनी बन चुकी है।

रिलायंस का लक्ष्य है कि आने वाले 5 से 7 सालों में न्यू एनर्जी डिविजन, उसकी पारंपरिक Oil to Chemicals (O2C) यूनिट जितना मुनाफा दे। इस दिशा में कंपनी Compressed Biogas, Integrated Energy Plantation, और प्लास्टिक-फाइबर प्रोडक्शन जैसे क्षेत्रों में बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। 2025 तक 55 बायोगैस प्लांट, और 2026-27 तक PVC, CPVC और specialty polyester उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की योजना है।

2023 में भी रिलायंस ने लिया था $8 अरब का कर्ज

यह पहली बार नहीं है जब रिलायंस ने इतना बड़ा विदेशी कर्ज लिया हो। 2023 में भी कंपनी ने $8 अरब डॉलर का लोन जुटाया था, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और उसकी सब्सिडियरी जियो दोनों शामिल थीं। उस समय भी करीब 55 बैंकों ने हिस्सा लिया था।

रिलायंस ने वित्त वर्ष 2024-25 में ₹9,64,693 करोड़ की रिकॉर्ड कमाई की, जो पिछले साल के मुकाबले 7.1% ज्यादा है। कंपनी का शुद्ध लाभ ₹69,648 करोड़ रहा। इसके साथ ही रिलायंस भारत की पहली कंपनी बन गई है जिसकी नेट वर्थ ₹10 ट्रिलियन से अधिक हो गई है।

First Published : May 15, 2025 | 11:06 AM IST