बी रामलिंगा राजू की करतूतों का काला साया उनके बेटों की कंपनी को भी अपनी जद में लेता जा रहा है। उनके बड़े बेटे बी तेजा राजू की अगुआई वाले मायटास समूह को भी सत्यम की कारगुजारियों की सजा भुगतनी पड़ रही है।
मायटास समूह और सरकारी कंपनी एमएमटीसी में एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) स्थापित करने के लिए एक विशेष उद्देश्य कंपनी बनाने के लिएसाझीदारी हुई थी। लेकिन ताजा सत्यम प्रकरण के बाद से एमएमटीसी ने इससे अपने हाथ खींच लिए हैं।
एमएमटीसी के निदेशक मंडल की बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया। इस पूरे वाकये पर एमएमटीसी की ओर से कहा गया है, ‘सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज से जुड़े हालिया घटनाक्रम के मद्देनजर एमएमटीसी के निदेशक मंडल की आज हुई बैठक में सेज स्थापित करने के लिए मायटास समूह द्वारा बनाई जा रही विशेष उद्देश्य कंपनी बनाने में सरकारी कंपनी के निवेश प्रस्ताव पर पुनर्विचार किया गया और इससे हाथ खींचने का निर्णय किया गया है।’
एमएमटीसी, सेज के लिए मायटास समूह द्वारा प्रवर्तित विशेष उद्देश्य कंपनी की पांच फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के मामले में शेयरधारकों से मंजूरी लेने की प्रक्रिया में थी। तकरीबन 250 अरब रुपये की हैसियत वाली यह सरकारी कंपनी वाणिज्य मंत्रालय के नियंत्रण में आती है।