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वैल्यूएशन पर नहीं बनी सहमति, हायर इंडिया में हिस्सेदारी खरीदने से पीछे हटा मित्तल

हायर ने साल 2004 में भारतीय बाजार में प्रवेश किया था और फिलहाल रेफ्रिजरेटर सेगमेंट में उसकी 14 फीसदी हिस्सेदारी है।

Published by
देव चटर्जी   
शार्लीन डिसूजा   
Last Updated- September 11, 2025 | 9:32 AM IST

अरबपति उद्योगपति सुनील भारती मित्तल का परिवार कार्यालय (फैमिली ऑफिस) हायर अप्लायंसेज (इंडिया) में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ से पीछे हट गया है। कंपनी के मूल्यांकन पर सहमति नहीं होने की वजह से बात नहीं बन पाई।

चीन की प्रवर्तक कंपनी हायर ग्रुप लगभग 2 अरब डॉलर (17,100 करोड़ रुपये) का मूल्यांकन चाह रही थी। हालांकि मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा कि हायर को जो बोलियां मिलीं, वे काफी कम थीं। हायर को लगभग 60 करोड़ डॉलर की पेशकश की गई थी जो मांग से काफी कम थी।

इस बारे में जानकारी के लिए भारती समूह और हायर ग्रुप (चीन) दोनों को मंगलवार को हमने ईमेल भेजे मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।

इस बीच एक सूत्र ने बताया कि कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया मूल्यांकन में गिरावट आने के कारण अपने प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) का आकार 15,000 करोड़ रुपये से घटाकर लगभग 12,000 से 13,000 करोड़ रुपये कर सकती है। कोरियाई कंपनी की निर्गम में पहले 15 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना थी मगर अब कंपनी उससे कम हिस्सा बेच सकती है।

सूत्रों ने कहा कि हायर इंडिया शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने पर भी विचार कर सकती है मगर अभी तक इस बारे में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। चीनी कंपनी कई महीनों से अपनी हिस्सेदारी बेचने की संभावना तलाश रही है लेकिन अभी तक बात नहीं बन पाई है। उसने भारत के सबसे बड़े समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ भी प्रारंभिक बातचीत की थी।

प्रस्तावित सौदा चीनी फर्मों द्वारा भारत में अपनी हिस्सेदारी कम करने की रणनीति का हिस्सा था। पिछले साल चीन की वाहन कंपनी एसएआईसी मोटर ने एमजी मोटर इंडिया में बहुलांश हिस्सेदारी सज्जन जिंदल समूह को बेचने का करार किया था। मई में एंट ग्रुप ने थोक सौदे के माध्यम से पेटीएम में अपनी 24.6 करोड़ डॉलर की हिस्सेदारी बेच दी।

हायर ने साल 2004 में भारतीय बाजार में प्रवेश किया था और फिलहाल रेफ्रिजरेटर सेगमेंट में उसकी 14 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा वाॅशिंग मशीन, टेलीविजन और एयर कंडीशनर में भी कंपनी अपनी पैठ बनाने में लगी है।

वर्ष 2023 में कंपनी को 155.6 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था जबकि 2022 में उसे 63.5 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था। 2023 में कंपनी की कुल बिक्री 6,305.5 करोड़ रुपये रही थी जो 2022 में 5,429 करोड़ रुपये थी। शोध फर्म स्टैटिस्टा के अनुसार भारत में होम अप्लायंसेज का बाजार 2025 में 64.3 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है और 2030 तक इसके सालाना 7.3 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है।

First Published : September 11, 2025 | 9:32 AM IST