चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र की वैश्विक कंपनी मेडट्रॉनिक पीएलसी ने हाल में भारत में 1,200 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की। कंपनी का कहना है कि अगर भारत सरकार अधिक प्रोत्साहन देती है तथा दूसरी चुनौतियों को कम करने में मदद करती है तो कंपनी विनिर्माण सहित अन्य निवेश अवसरों की तलाश करेगी। कंपनी ने ऐसे समय में ये विचार साझा किए हैं जब सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने की कोशिश कर रही है।
मेडट्रॉनिक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मदन कृष्णन ने कहा कि तेजी से विकास के लिए नवोन्मेष जरूरी है जिसे शोध एवं विकास (आरऐंडडी) से हासिल किया जा सकता है। हैदराबाद में मेडट्रॉनिक इंजीनियरिंग ऐंड इनोवेशन सेंटर को इंजीनियरिंग ऐंड इनोवेशन सेंटर के रूप में विकसित करने में 1,200 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, जिससे यह अमेरिका के बाहर मेडट्रॉनिक का सबसे बड़ा आरएंडडी केंद्र हो जाएगा। कृष्णन ने कहा कि भारत में न केवल उभरते बाजार के दृष्टिकोण से, बल्कि नवाचार एवं आरऐंडडी के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में भी बहुत अधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में मेडट्रॉनिक इंडिया की कंपनी के वैश्विक राजस्व में एक प्रतिशत हिस्सेदारी है।
मेडट्रॉनिक इंडिया देश में सक्रिय रूप से काम कर रही है और कंपनी को केंद्र एवं राज्य सरकारों से लगातार समर्थन मिल रहा है। मेडट्रॉनिक इंडिया का मानना है कि इस तरह के सहयोग से कंपनी भारत में अधिक निवेश लाने में
सफल होगी।
कृष्णन ने कहा कि किसी भी कंपनी के लिए वैश्विक गुणवत्ता मानकों के अनुरूप विनिर्माण इकाई स्थापित करना, उसे सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन मिलना, सुगम अनुमोदन प्रक्रियाओं एवं सरल नीतियों के साथ एक जीवंत बाजार की जरूरत है।
जागरूकता पैदा करने के लिए उन्होंने आउटरीच कार्यक्रमों के लिए निजी कंपनियों के साथ साझेदारी का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि उन्नत चिकित्सा तक पहुंच के लिए एक सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम, नवीन वित्त पोषण योजनाओं एवं प्रक्रिया-आधारित मूल्य निर्धारण जैसे कई साधन तलाशे जा सकते हैं।
