मझगांव डॉक ने टाली परियोजना

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:32 AM IST

कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण जारी आर्थिक व्यवधान को देखते हुए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने 2,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत निवेश वाली अपनी
नई परियोजना को फिलहाल टाल दिया है।
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के निदेशक (वित्त) संजीव सिंघल ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘ऑर्डर के मोर्चे पर फिलहाल कुछ भी साफ नहीं दिख रहा है और स्थिति के स्पष्ट होने तक हम किसी भी खर्च के लिए प्रतिबद्धता जाहिर नहीं करना चाहेंगे। इसलिए न्हावा शेवा के लिए पूंजीगत खर्च को फिलहाल टालने पर विचार किया जा सकता है।’
हालांकि कंपनी ने वित्त वर्ष 2022 के लिए 100 करोड़ रुपये के अपने वार्षिक रखरखाव पूंजीगत खर्च को जारी रखने की योजना बनाई है। कंपनी ने अपनी ऑर्डर बुक में विविधता लाने के लिए न्हावा शेवा बंदरगाह के समीप अपनी 37 एकड़ भूमि पर मर्चेंट जहाजों के लिए एक डॉकयार्ड विकसित करने की योजना बनाई थी। कंपनी ऑर्डर के लिए फिलहाल केवल भारतीय नौसेना पर निर्भर है।
सिंघल ने कहा, ‘हमारे पास डॉकयार्ड के विकास के लिए भूमि के साथ-साथ अन्य संसाधन यानी रकम आदि उपलब्ध हैं लेकिन यह अत्यधिक पूंजी निवेश के साथ एक लंबी अवधि का कारोबार है। इसमें काम की शुरुआत होने के बाद उसे रोका नहीं जा सकता है और इसलिए जब तक हमें पर्याप्त ऑर्डर की संभावनाएं स्पष्ट तौर पर नहीं दिखेंगी, तब तक पूंजीगत खर्च करने का कोई औचित्य नहीं होगा।’
अन्य कंपनियों की तरह मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स को भी इस वैश्विक महामारी ने नहीं बख्शा है। यही कारण है कि वित्त वर्ष 2021 में उसका राजस्व 17 फीसदी घटकर 4,049 करोड़ रुपये रह गया जो वित्त वर्ष 2020 में 4,917 करोड़ रुपये था। सिंघल ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2022 के लिए हमारा राजस्व करीब 4,500 करोड़ रुपये होना चाहिए जो 5,000 करोड़ रुपये के हमारे शुरुआती अनुमान के मुकाबले कम है क्योंकि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण औद्योगिक ऑक्सीजन की आपूर्ति में समस्याएं पैदा हुईं। लॉकडाउन और वैश्विक आपूर्ति (शृंखला) में व्यवधान के कारण कार्यबल में भी संकुचन पैदा हुआ।’
कंपनी के कार्यबल का एक बड़ा हिस्सा अनुबंध आधारित श्रमिकों का है। कंपनी अपने परिचालन को सुचारु रखने के लिए उसी कार्यबल पर निर्भर है। कंपनी ने केवल पिछले सप्ताह अपने पूरे कार्यबल की उपस्थिति दर्ज की है। कंपनी के लिए औद्योगिक ऑक्सीजन की आवश्यकता बहुत अधिक नहीं है लेकिन उसे लगातार इसकी आवश्यकता होती है जो बाधित नहीं होनी चाहिए। सिंघल ने कहा, ‘शुरू में डॉकयार्ड में कोविड-19 संक्रमण के मामले भी उल्लेखनीय थे और हमें कुछ लोगों को खोना भी पड़ा है।’ उन्होंने कहा कि कंपनी के कर्मचारियों के बीच संक्रमण का फिलहाल कोई मामला सामने नहीं आया है।
बहरहाल, कंपनी ने उपकरणों की आपूर्ति के लिए अपने अनुबंधों पर निए सिरे से विचार किया है। साथ ही उसने वैकल्पिक स्रोतों के जरिये नए ऑर्डर दिए हैं। हालांकि कंपनी कुल मिलाकर चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिदृश्य के बावजूद अपने मौजूदा ऑर्डर बुक के आकार को लेकर सहज बनी हुई है। इस डॉकयार्ड की क्षमता 11 पनडुब्बियों और 10 जहाजों को संभालने की है।
सिंघल ने कहा, ‘फिलहाल हमारे पास 6 पनडुब्बियों के ऑर्डर हैं जिनमें से तीन की डिलिवरी पहले ही हो चुकी है। इसके अलावा हम भारतीय नौसेना के लिए 8 जहाज बना रहे हैं। हम भारतीय तटरक्षक बल और विदेशी बाजार से भी ऑर्डर हासिल करना चाहते हैं ताकि हमारे ऑर्डर बुक में विविधता लाया जा सके।’ कंपनी कुछ अफ्रीकी और यूरोपीय देशों से भी बातचीत कर रही है। वह मुंबई के अपने प्रतिष्ठान में गैर-युद्धक जहाज बनाने के लिए चिली सरकार से भी बातचीत कर रही है।

First Published : June 17, 2021 | 11:32 PM IST