बेंगलूरु की अस्पताल शृंखला मणिपाल ऑस्पिटल्स ने एक गुप्त सौदे के तहत कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल्स का अधिग्रहण करने के लिए एक निश्चित समझौता किया है। सूत्रों के अनुसार, सौदे का आकार लगभग 2,100 करोड़ रुपये हो सकता है और इसके जरिये अमेरिका की यह अस्पताल शृंखला भारतीय बाजार से पूरी तरह बाहर निकल सकती है।
इस अधिग्रहण से निजी इक्विटी के निवेश वाली अस्पताल शृंखला मणिपाल हॉस्पिटल्स के कारोबार में विस्तार होगा। इसे अस्पताल कारोबार के लिए काफी महत्त्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि लागत के मोर्चे पर इससे काफी फायदा हो सकता है। इस अधिग्रहण के लिए रकम की व्यवस्था मणिपाल हेल्थ कर रही है। वह ऋण और राइट्स इश्यू के जरिये रकम जुटाएगी। उसने वित्त वर्ष 2020 में लगभग 2,100 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था।
एकीकृत कंपनी के पास 15 शहरों में 7,300 से अधिक बिस्तर, 4,000 से अधिक डॉक्टर और करीब 10,000 कर्मचारी होंगे। इस प्रकार वह देश की दूसरी सबसे बड़ी अस्पताल शृंखला बन जाएगी। मणिपाल एजुकेशन ऐंड मेडिकल ग्रुप (एमईएमजी) के चेयरमैन डॉ. रंजन पई ने कहा कि कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल्स की मणिपाल हॉस्पिटल्स के रूप में नए सिरे से ब्रांडिंग की जाएगी। मणिपाल हॉस्पिटल्स फिलहाल 15 अस्पतालों में लगभग 6,000 बिस्तरों का संचालन और प्रबंधन करती है। इस सौदे के तहत स्वामित्व का हस्तांतरण आवश्यक नियामकीय मंजूरियों पर निर्भर करेगा। डॉ. पई ने कहा कि यह रणनीतिक तौर पर बिल्कुल अनुकूल है और इसमें व्यापक भौगोलिक एवं सांस्कृतिक तालमेल है। उन्होंने कहा, ‘कोलंबिया एशिया के साथ मिलकर अब हम देश भर में विभिन्न समुदायों की बढ़ती उम्मीदों को पूरा करने के लिए कहीं अधिक बड़ा, दमदार और बेहतर स्थिति में होंगे।’
सूत्रों ने बताया कि कोलंबिया एशिया की संपत्ति का मूल्यांकन लगभग 400 करोड़ रुपये होगा। कोलंबिया एशिया ने इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं दिया। सूत्रों ने यह भी दावा किया कि इस सौदे के जरिये कोलंबिया एशिया भारतीय बाजार से बाहर निकल जाएगी। इस मामले के एक करीबी सूत्र ने कहा, ‘उन्होंने अपने दृष्टिकोण से एक रणनीतिक निर्णय लिया है। उनके पास निवेशकों का एक पूरा समूह है जो एक फंड कीतरह और जिन्हें बाहर निकलने की आवश्यकता है। सेवानिवृत्त लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा हमेशा से उनका प्रमुख कारोबार रहा है। वे भारत और विदेश दोनों मोर्चे पर इसे जारी रखेंगे।’
इस बीच, मणिपाल ने एकीकरण प्रक्रिया की शुरुआत पहले ही कर दी है। मणिपाल हॉस्पिटल्स के एमडी एवं सीईओ दिलीप जोस ने कोलंबिया एशिया के लगभग 1,000 लोगों के साथ एक बैठक की और उन्हें आगे की योजना के बारे में जानकारी दी।
एकीकरण के दौरान श्रमबल की कोई छंटनी नहीं की जाएगी। कोलंबिया एशिया के संगठन ढांचे में मौजूदा अंतर दोनों कंपनियों के एकीकरण की राह को आसान बनाता है। इस मामले के एक करीबी सूत्र ने कहा कि जोस संयुक्त इकाई के एमडी एवं सीईओ हो सकते हैं।
