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ग्रीन हाइड्रोजन पर L&T ने बढ़ाया दांव, 50 प्रतिशत सस्ते होंगे इलेक्ट्रोलाइजर

पिछली तिमाही में, L&T ने प्रोटोटाइप के तौर पर अपने पहले इलेक्ट्रोलाइजर का निर्माण किया।

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अमृता पिल्लई   
Last Updated- February 26, 2024 | 2:32 PM IST

इंजीनियरिंग दिग्गज लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) सितंबर में इलेक्ट्रोलाइजर की वा​णि​ज्यिक बिक्री शुरू करने की तैयारी कर रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अ​धिकारी ने कहा कि ये इलेक्ट्रोलाइजर उसके यूरोपीय प्रतिस्प​र्धियों के मुकाबले 50 प्रतिशत सस्ते होंगे। इलेक्ट्रोलाइजर ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए जरूरी मुख्य उपकरण है। पिछली तिमाही में, एलऐंडटी ने प्रोटोटाइप के तौर पर अपने पहले इलेक्ट्रोलाइजर का निर्माण किया। कंपनी शुरू में अपनी ज्यादातर बिक्री घरेलू बाजार से होने की उम्मीद कर रही है। 

एलऐंडटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग ऐंड डेवलपमेंट खंड के प्रमुख डेरेक शाह ने कहा, ‘कंपनी ने सितंबर तक वा​णि​ज्यिक तौर पर 150-200 मेगावॉट क्षमता शुरू करने की योजना बनाई है।’ 

लागत किफायत के बारे में शाह ने कहा, ‘हमारे उत्पाद की लागत यूरोप के मुकाबले चीन की लागत के ज्यादा समान है। हमारे इलेक्ट्रोलाइजर यूरोपीय आपूर्ति कर्ताओं की कीमतों के मुकाबले करीब 50 प्रतिशत सस्ते होंगे।’ 

शाह ने कहा कि पहले चरण के दौरान एलऐंडटी ने भारतीय उत्पादकों और विदेशी बाजारों (70:30 अनुपात में) को इलेक्ट्रोलाइजर की आपूर्ति करने की योजना बनाई है। 

बीएनईएफ आंकड़े के अनुसार वर्ष 2022 में चीनी अल्कलाइन इलेक्ट्रोलाइसिस सिस्टम की लागत प्रति किलोवाट करीब 343 डॉलर थी जबकि प​श्चिमी क्षेत्र में यह 1,200 डॉलर प्रति किलोवाट थी। एलऐंडटी मैकफाई की भागीदारी में ये इलेक्ट्रोलाइजर तैयार कर रही है। इस समय  कंपनी ने पूरे भारत और प​श्चिम ए​शिया के बाजारों में भागीदारियां की हैं।

शाह ने कहा, ‘हम उनके साथ बातचीत कर रहे हैं कि क्या हम अपने क्षेत्रों का विस्तार सिंगापुर जैसे अन्य गैर-यूरोपीय बाजारों तक कर सकते हैं।’ बाद के चरणों में एलऐंडटी ने अपनी इलेक्ट्रोलाइजर क्षमता वित्त वर्ष 2025 के अंत तक बढ़ाकर 300 मेगावॉट और उसके बाद के वर्ष में 1 गीगावॉट करने की योजना बनाई है। 

शाह ने कहा कि नई क्षमताओं की शुरुआत 300 मेगावॉट के साथ की जा रही है जो कंपनी को पीएलआई योजना के तहत आवंटित की गई थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज और जॉन कॉकरिल ग्रीनको हाइड्रोजन सॉल्युशंस अन्य दो कंपनियां हैं जिन्हें पीएलआई योजना के तहत 300-300 मेगावॉट क्षमता का आवंटन किया गया। 

शाह ने कहा कि प्रोटोटाइप के लिए 50 प्रतिशत आपूर्ति आयातित थी। हालां​कि वा​णि​ज्यिक तौर पर पेशकश से पहले 90-95 प्रतिशत आपूर्ति स्थानीय तौर पर की जाएगी। 

First Published : February 18, 2024 | 11:36 PM IST