बीएस बातचीत
बेंगलूरु की आईटी सेवा कंपनी हैप्पिएस्ट माइंड्स अगले सप्ताह आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन अशोक सूटा का कहना है कि कंपनी प्रशासन सुनिश्चित करते हुए जल्द सूचीबद्ध होने से भविष्य के शेयरधारकों के लिए रिटर्न काफी आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि घर से काम करने का चलन बढऩे के बावजूद दफ्तर का महत्त्व बरकरार रहेगा। सूटा ने साई ईश्वर और विभु रंजन मिश्रा से विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:
आईपीओ के लिए यह उपयुक्त समय है अथवा इसके लिए योजना काफी पहले बनाई गई थी?
यह पहले की योजना नहीं है। वास्तव में हमने लॉकडाउन के बीच इसके बारे में सोचा। हमने महसूस किया कि बाजार में काफी अनिश्चितता है। हम देख सकते हैं कि वृद्धि के मोर्चे पर इस साल हमें जो खोना पड़ेगा उसका लाभपद्रता पर असर पड़ेगा जो पहली तिमाही के आंकड़ों में साफ पता चलता है। दूसरा, बाजार भी भी आगे की राह देख रहा है क्योंकि उसमें भविष्य की झलक है। यदि कोई ऐसा उद्योग है जो कठिन दौर से और वैश्विक मंदी से उबर पाया है तो वह आईटी उद्योग है। बाजार ने भी उसके नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। यदि आप अच्छे प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों पर गौर करेंगे तो आपको आईटी क्षेत्र दिख जाएगा। हमने काफी सोच समझकर यह निर्णय लिया है।
कुछ लोगों का मानना है कि गैर-सूचीबद्ध रहते हुए दमदार निर्णय लेने और वृद्धि को रफ्तार देने में आसानी होती है। क्या यह सही है?
मैं नहीं समझता कि सार्वजनिक होने से आपकी रफ्तार सुस्त पड़ जाएगी अथवा यह कोई चिंता का विषय है। बल्कि सूचीबद्ध होने से आप बेहतर प्रशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकते हैं। खुलासा करने से सभी को मदद मिलती है और कंपनी को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। लोग आईपीओ को इसलिए टाल रहे हैं क्योंकि वे बड़े निजी इक्विटी समूहों से रकम जुटा रहे हैं और कंपनियां सूवीबद्ध होने से पहले कई अरब डॉलर का मूल्यांकन हासिल करना चाहती हैं। अब जो कुछ भी हो रहा है वह पहले से ही परेशान हो चुके आपके शेयरधारकों को प्रतिफल देने के लिए हो रहा है। इसकी झलक अमेरिकी स्टार्टअप के हालिया आईपीओ में दिख सकती है जिसकी खरीद-फरोख्त काफी छूट पर की गई। यदि आपको पता है कि आप एक निश्चित दर से वृद्धि कर सकते हैं और लाभप्रदता को अनुमानित स्तर पर बरकरार रख सकते हैं तो आपके भविष्य के शेयरधारकों को रिटर्न देना काफी आसान हो जाता है।
कोविड वैश्विक महामारी के बाद कारोबारी परिदृश्य में क्या बदलाव आया है?
आईटी और सेवा कारोबार काफी लचीला है और वह बदलाव को तत्काल स्वीकार कर लेता है। आप देख सकते हैं कि प्रौद्योगिकी और कारोबार में व्यवधान पहले के मुकाबले काफी तेजी से होने लगा है चाहे कृत्रिम बुद्धिमत्ता हो अथवा ड्रोन, एनालिटिक्स अथवा प्रॉसेस ऑटोमेशन। उस संदर्भ में मैं समझता हूं कि ग्राहक लगातार अपने कारोबार पर नए सिरे से विचार कर रहे हैं। उन्हें कोविड के बाद के समय में सुदृढ़ होने और कारोबार युक्तिसंग बनाने के अलावा अतिरिक्त राजस्व सृजित करने के लिए अवसरों पर ध्यान की जरूरत होगी।
क्या घर से काम करने अथवा अनुबंध कर्मियों का चलन बढऩे से ऑफशोरिंग मॉडल को खतरा हो सकता है?
यदि अनुबंध आधारित अर्थव्यवस्था होगी तो हमारे पास अनुबंध आधारित कार्यस्थल होंगे। हमने कंपनी शुरू करने के पहले दिन से ही घर से काम कर रहे हैं। यदि आपके पास छोटी टीम है तो यह सही है लेकिन आपके कर्मचारियों की संख्या अधिक है तो उन्हें दफ्तर लाने की जरूरत होगी। इसलिए मुझे नहीं लगता कि दफ्तर अचानक गायब हो जाएंगे अथवा अनुबंध कर्मी हमारे लिए कोई खतरा हैं। यदि कोई अनौपचारिक क्षेत्र में आना चाहते हैं तो उनसे कभी खतरा नहीं हुआ है। वे अपनी कौशल के साथ आते हैं और इससे बाजार का आकार बढ़ता है।
इस साल के लिए नियुक्ति संबंधी आपकी क्या योजना है?
यह अधिक वृद्धि वाला वर्ष नहीं है और हम अधिक लोगों की नियुक्ति नहीं कर सकते। हालांकि हम लगातार नियुक्ति कर रहे हैं। हमें डेटा साइंस, बिग डेटा और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों की मांग में सुधार होता दिख रहा है। हम चरणबद्ध तरीके से नियुक्तियां करेंगे।