हमने 6 अक्टूबर, 2007 की अधिसूचना संख्या 41007-एसटी के तहत निर्यात में इस्तेमाल की गई सेवाओं पर चुकाए गए सेवा कर के रिफंड का दावा किया था।
हमारे दावों को इस आधार पर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया कि इसके लिए इनवॉयस, बिल ऑफ लैडिंग यानी लदान-पत्र, बैंक प्राप्ति प्रमाण पत्र आदि जमा करने की जरूरत है। हम लदान का ओरिजनल बिल कैसे दे सकते हैं जिसे विदेश में खरीदारों को भेज दिया गया है। ऑरिजनल बैंक सर्टिफिकेट लाइसेंसिंग अधिकारियों को दिया जाना है। क्या इसका कोई रास्ता है?
12 मार्च 2009 के सीबीईसी सर्कुलर नंबर 112062009-एसटी में स्पष्ट किया गया है कि आमतौर दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति को स्वीकार किया जाना चाहिए। सिर्फ गहन एवं व्यापक जांच के मामले में ही मूल दस्तावेजों को सत्यापित कराया जा सकता है। इससे काफी मदद मिलनी चाहिए। लेकिन मेरा मानना है कि सभी लोगों – सांसदों, कर दाताओं, परामर्शदाताओं, न्यायालयों आदि- को सेवा कर मामलों के बारे में काफी जानने की जरूरत है। अन्यथा ऐसी परेशानियां जारी रहेंगी।
वस्तुओं पर उच्च उत्पाद शुल्क दर पिछले बजट में 16 फीसदी से घटा कर 14 फीसदी की गई थी। इसके बाद 7 दिसंबर, 2008 को यह दर घटा कर 10 फीसदी और 24 फरवरी, 2009 को 8 फीसदी कर दी गई। लेकिन क्या सेनवैट क्रेडिट रूल्स, 2004 के नियम 6 (3) के तहत देय 10 फीसदी की मात्रा घटाई गई है और अगर नहीं तो इसका क्या कारण है?
इस नियम में शुल्क योग्य और गैर शुल्क योग्य सामानों के उन निर्माताओं द्वारा देय रकम का उल्लेख किया गया है जो अलग रिकॉर्ड नहीं रखना पसंद नहीं करते, लेकिन सभी आम निविष्टयों पर सेनवैट क्रेडिट लेना चाहते हैं। उनके पास गैर-शुल्क देय सामानों की कीमत का 10 फीसदी चुकाए जाने या नियम 6 (3ए) में दिए गए फॉर्मूले के आधार पर समानुपात के विपरीत शुल्क चुकाए जाने का विकल्प है।
10 फीसदी की दर कम नहीं की गई है। मेरी राय में, यह दर घटा कर लगभग 6 फीसदी और फिर 5 फीसदी की जानी चाहिए। मैं यह नहीं जानता कि ऐसा क्यों नहीं किया गया है। शायद सरकार को लगता है कि ऐसा किए जाने से ज्यादातर निर्माता उच्च शुल्क पर खरीद कर सकते हैं या निर्धारित फॉर्मूले के लिए विकल्प अपना सकते हैं।
14.09.2007 की अधिसूचना संख्या 1022007-कस्टम के तहत 4 फीसदी के अतिरिक्त सीमा शुल्क के हमारे रिफंड के दावे को रोक दिया गया है, क्योंकि विभाग का कहना है कि हमने यह वैट सामानों की पुन:बिक्री पर नहीं चुकाया था, बल्कि यह इनपुट टैक्स क्रेडिट से संबद्ध था। कृपया मेरा मार्गदर्शन करें।
जब वैट कानून इनपुट टैक्स क्रेडिट के इस्तेमाल के जरिये भुगतान की अनुमति देता है तो सीमा शुल्क विभाग को इस बात पर जोर देने की जरूरत नहीं है कि आपको वैट देयता से कैसे छुटकारा मिलना चाहिए। सीबीईसी ने 13.10.2008 के अपने सर्कुलर नंबर 162008-कस्टम में कहा है कि सांविधिक ऑडिटरचार्टर्ड अकाउंटेंट से प्राप्त सर्टिफिकेट बिक्री के इनवॉयस, भुगतान के सबूत के दस्तावेजों के साथ आयातित सामानों पर वैट के भुगतान से संबद्ध है और यह 4 फीसदी के सीवीडी रिफंड के उद्देश्य के लिए स्वीकार्य है।
