जेएसडब्ल्यू समूह भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाइसेंस लेने के वास्ते चीन की वाहन निर्माता कंपनी लीपमोटर के साथ शुरुआती स्तर की बातचीत कर रहा है। मामले के जानकार लोगों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि प्रौद्योगिकी लाइसेंसिंग समझौते के तहत जेएसडब्ल्यू अपने ब्रांड के नाम के तहत भारत में ईवी का निर्माण करने के लिए लीपमोटर के प्लेटफॉर्म का उपयोग करेगी।
एक सूत्र कहा कि जेएसडब्ल्यू द्वारा सिंगल प्लेटफॉर्म का उपयोग करने की संभावना है जिस पर वह कम से कम तीन मध्यम आकार के स्पोर्ट-यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) बना सकती है। इसके साथ ही लीपमोटर भारतीय कंपनी के लिए कारों की इंजीनियरिंग भी करेगी।
सूत्रों ने यह नहीं बताया कि उत्पादन कब से शुरू होने की संभावना है।
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सूत्र ने बताया कि देश में इलेक्ट्रिक वाहन को आगे बढ़ाने के लिए चीन की एसएआईसी मोटर कॉर्प के स्वामित्व वाली एमजी मोटर इंडिया में भी हिस्सेदारी खरीदने के लिए भी बातचीत कर रहा है। हालांकि यह चर्चा अभी धीमी हो गई है।
भारत का ईवी बाजार छोटा है। इसमें अभी टाटा मोटर्स का दबदबा है। ईवी खंड टाटा मोटर्स की बिक्री हावी है, जो पिछले वित्त वर्ष में बेची गई सभी कारों का 2 फीसदी से भी कम है। मगर, ईवी की वृद्धि तेज बनी हुई है और सरकार भी साल 2030 तक ईवी की बिक्री को 30 फीसदी तक बढ़ाना चाहती है।
एक व्यक्ति ने कहा, ‘जेएसडब्ल्यू अपने ब्रांड के तहत कारें बेचना चाहती है। इसके लिए उन्हें किसी मौजूदा कार निर्माता में निवेश या संयुक्त उद्यम से अधिक प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है।’ साथ ही उन्होंने कहा कि कंपनी चीन की कुछ अन्य वाहन निर्माताओं के साथ भी बातचीत कर रही है।