टायर बनाने वाली पांच बड़ी कंपनियों में शुमार जेके टायर्स ने मैक्सिको की कंपनी टॉर्नेल का अधिग्रहण कर लिया है।
जेके टायर्स ने 270 करोड़ रुपये में टॉर्नेल के 100 प्रतिशत शेयर खरीद लिए हैं। इस अधिग्रहण से भारतीय कंपनी का दुनिया के सबसे बड़े बाजार यानी अमेरिका में प्रवेश करने का रास्ता भी आसान हो गया है। कंपनी अब अमेरिका के साथ ही दक्षिण अमेरिका में भी टायर बेचेगी।
कंपनी ने यह अधिग्रहण स्पेशल पर्पज व्हीकल(एसपीवी) के जरिये किया गया है। इस अधिग्रहण के लिए कंपनी आंतरिक संसाधन और ऋण द्वारा पूंजी जुटाएगी। जेके टायर्स के चेयरमैन हरिशंकर सिंघानिया ने बताया कि अभी तक कंपनी टायरों का निर्यात चीन और वियतनाम से करती थी।
भारत में कंपनी की 4 निर्माण इकाइयां हैं। इस अधिग्रहण के जरिये कंपनी दुनिया भर में विस्तार की योजना का आगे बढ़ाएगी। उन्होंने बताया कि कंपनी पहले से ही उत्तरी और दक्षिण अमेरिकी बाजार की सबसे बड़ी निर्यातक कंपनी है।
टॉर्नेल पहले से ही बायस और रेडियल टायर्स के बाजार में है। टार्नेल के पोर्टफोलियों में ट्रक, हल्के व्यवसायिक वाहन, कृषि, औद्योगिक और यात्री वाहन भी मौजूद हैं। टॉर्नेल के मैक्सिको में ही तीन निर्माण संयंत्र हैं और इनकी कुल उत्पादन क्षमता सालाना 66 लाख टायर का निर्माण करने की है।
टार्नेल की मौजूदगी उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (नाफ्टा) में भी है। इसमें कनाडा भी शामिल है। जेके टायर भारत में भी वर्ष 2010-11 तक कंपनी की क्षमता दोगुने से भी ज्यादा करने की योजना बना रही है।