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Jio Financial 2 दिनों में 16,000 करोड़ रुपये गिरा, 29 अगस्त को शेयर होंगे डीलिस्ट!

आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीराम वेलायुधन ने कहा, जियो फाइनैंशियल के शेयरों में गिरावट की आंशिक वजह सेंटिमेंट है।

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समी मोडक   
Last Updated- August 22, 2023 | 9:48 PM IST

जियो फाइनैंशियल सर्विसेज का शेयर लगातार दूसरे दिन पांच फीसदी के लोअर सर्किट की चपेट में आ गया। इसे देखते हुए एक्सचेंजों ने बेंचमार्क सूचकांकों से इसे बाहर निकालना टाल दिया है। जियो फाइनैंशियल को रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग किया गया है।

बीएसई यह शेयर 239.2 रुपये पर बंद हुआ, जो एक दिन पहले 251.8 रुपये पर टिका था। एनएसई पर यह 236.5 रुपये पर बंद हुआ, जो एक दिन पहले 248.9 रुपये पर बंद हुआ था। दोनों एक्सचेंजों पर करीब 78 लाख शेयरों का कारोबार हुआ, जो एक दिन पहले हुए 7.8 करोड़ शेयरों की ट्रेडिंग का सिर्फ 10 फीसदी है, जब यह बाजार में सूचीबद्ध हुआ था।

जियो फाइनैंशियल का मूल्यांकन अब करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये है और उसने करीब 16 हजार करोड़ रुपये का बाजार मूल्यांकन गंवाया है। 20 जुलाई को स्पेशल प्राइस डिस्कवरी वाले सत्र में मुकेश अंबानी की अगुआई वाली फर्म का मूल्यांकन 1.66 लाख करोड़ रुपये था। संयोग से उसी दिन बेंचमार्क निफ्टी व सेंसेक्स अपने-अपने सर्वोच्च स्तर क्रमश: 19,979 व 67,571.9 पर पहुंचे थे और तब से इनमें करीब 3.5 फीसदी की गिरावट आई है।

आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीराम वेलायुधन ने कहा, जियो फाइनैंशियल के शेयरों में गिरावट की आंशिक वजह सेंटिमेंट है। बाजार पिछले एक महीने में नीचे आया है और पैसिव फंडों की तरफ से बिकवाली और जीडीआर के बदले जारी शेयर को भुनाए जाने से कीमत पर असर पड़ रहा है।

विश्लेषकों का अनुमान है कि निफ्टी व सेंसेक्स से जुड़े एक्सचेंज ट्रेडेड फंड व इंडेक्स फंड 40 करोड़ डॉलर के जियो फाइनैंशियल के शेयर बेचेंगे क्योंकि उन्हें इनमें निवेशित रहने की दरकार नहीं होगी। इसके अतिरिक्त आरआईएल के जीडीआर धारक भी 50 करोड़ डॉलर के शेयर बेच सकते हैं। निवेशकों के इस वर्ग को जियो फाइनैंशियल के शेयर आरआईएल में उनके निवेश के आधार पर आवंटित किए गए हैं।

बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि जियो फाइनैंशियल के शेयर और गिर सकते हैं, अगर करीब 7,500 करोड़ रुपये की बिकवाली को समाहित करने की खातिर इसकी मांग नहीं निकलती है। इस बीच, बीएसई व एनएसई ने ऐलान किया है कि वह जियो फाइनैंशियल के शेयर को अपने-अपने सूचकांकों से 29 अगस्त को बाहर निकालेगी क्योंकि इनमें लगातार दो दिन लोअर सर्किट लगा।

अगर इस शेयर में लगातार लोअर सर्किट लगता है तो इंडेक्स से इसकी निकासी और आगे बढ़ सकती है ताकि ईटीएफ आसानी से इससे निकल सके। यह शेयर एमएससीआई और एफटीएसई जैसे वैश्विक सूचकांकों का हिस्सा बना हुआ है, जिससे बिकवाली के दबाव को कम करने में मदद मिली है।

नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के प्रमुख अभिलाष पगारिया ने कहा, निफ्टी व सेंसेक्स में जियो फाइनैंशियल का मौजूदा भारांक करीब एक फीसदी है और अनिवार्य बिकवाली के तहत करीब 15 करोड़ शेयर बेचे जाने का अनुमान है। 28 अगस्त को होने वाली आरआईएल की सालाना आम बैठक को देखते हुए हम कारोबार के रोडमैप के अनावरण का अनुमान लगा सकते हैं, जो कीमत के दबाव को संभावित तौर पर घटाएगा।

जियो फाइनैंशियल का पूरे जोर-शोर से परिचालन शुरू होना अभी बाकी है, ऐसे में विश्लेषकों इस शेयर की उचित कीमत का अंदाजा लगाने में मुश्किल हो रही है और वे कंपनी की तरफ से और संकेतों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मैक्वेरी कैपिटल के वित्तीय सेवा शोध प्रमुख सुरेश गणपति ने एक नोट में कहा, 18 अगस्त को जमा कराई गई विवरणिका के आधार पर जियो फाइनैंशियल का नेटवर्थ टियर-1 मकसद से आकलन के मुताबिक करीब 20,000 करोड़ रुपये बैठता है।

अन्य असुरक्षित लैंडिंग एनबीएफसी के लिवरेज स्तर की तरह अगर जियो फाइनैंशियल मध्यम अवधि में इसका 4 गुना लिवरेज कर सके तो कंपनी अगले 4-5 साल में 80,000 करोड़ रुपये का एयूएम सृजित कर सकती है। हम 28 अगस्त की आरआईएल की सालाना आम बैठक पर नजर रखेंगे ताकि जियो फाइनैंशियल की योजना का पता लग सके। नोमुरा के विश्लेषकों का मानना है कि यह देखना बाकी है कि क्या आरआईएल खदरा व दूरसंचार क्षेत्र की तरह अपनी प्रभावशाली अवरोधक रणनीति वित्तीय क्षेत्र में लागू कर पाती है या नहीं।

First Published : August 22, 2023 | 9:46 PM IST