वोडाफोन आइडिया विस्तृत पुनर्गठन योजना पर काम कर रही है, जिसके तहत कंपनी को नया वित्तीय निवेशक मिलेगा, प्रवर्तक कुमार मंगलम बिड़ला अतिरिक्त निवेश करेंगे और कंपनी के कर्ज का पुनर्गठन भारतीय बैंक करेंगे।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कंपनी के पूरे वित्तीय पुनर्गठन पर नए निवेशकोंं व बैंकों संग एकसाथ बातचीत हो रही है। उन्होंने कहा, भारत सरकार एजीआर बकाए के भुगतान पर मोहलत दे रही है, ऐसे में कंपनी की देनदारी पर स्पष्टता दिख रही है। प्रवर्तक व नए निवेशक से नई इक्विटी मिलने के बाद परिचालन उपयुक्त यानी व्यवहार्य बन जाएगा।
अधिकारी ने कहा, बिड़ला अपनी व्यक्तिगत क्षमता से कितनी रकम लगाएंगे, यह स्पष्ट नहीं है क्योंंकि यह दो चीजों पर निर्भर होगा – नए निवेशकों की तरफ से लगाई जाने वाली रकम और बैंकों की तरफ से ली जाने वाली कटौती।
अधिकारी ने कहा, एबीजी समूह के बदले कंपनी में हिस्सेदारी संभालने वाली ग्रासिम की हिस्सेदारी घट जाएगी। प्रवर्तक की तरफ से इक्विटी लगाए जाने के बाद बिड़ला अपनी हिस्सेदारी 27 फीसदी पर बनाए रख सकते हैं।
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड में 44.3 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली वोडाफोन पीएलसी कंपनी में निवेश नहीं करेगी और उसकी हिस्सेदारी घटेगी। इस बारे में जानकारी मांगे जाने पर आदित्य बिड़ला के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से मना कर दिया।
बैंंकिंग सूत्र ने कहा, वोडा-आइडिया के कर्ज पर काफी समय से बातचीत हो रही है, लेकिन अभी तक कंपनी के कर्ज इक्विटी में बदलने की कोई पेशकश नहीं हुई है। कंपनी का कर्ज इस साल अगस्त में 37,562 करोड़ रुपये था और यह जानकारी केयर के बयान से मिली है। कंपनी का ऋणपत्र 13 दिसंबर को पुनर्भुगतान के लिए आ रहा है और कंपनी को उम्मीद है कि वह बॉन्डधारकों को समय से भुगतान कर देगी। कंपनी को दिसंबर से अगले साल मार्च तक बॉन्डधारकों को 6,000 करोड़ रुपये चुकाना है। वोडा-आइडिया शेयर 4.26 फीसदी की गिरावट के साथ 9.88 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक 12 नवंबर को होगी, जिसमें सितंबर तिमाही के नतीजे पर चर्चा होगी।
पिछले साल सितंबर में कंपनी के बोर्ड ने इक्विटी शेयर जारी कर या कर्ज के जरिए एक या अधिक चरणों में 30,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की मंजूरी दी थी। हालांकि कंपनी ने कहा कि जुटाई जाने वाली कुल रकम 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होगी। अब तक कंपनी रकम का इंतजाम नहींं कर पाई है। चूंकि सरकार इस साल मार्च तक के 60,960 करोड़ रुपये के एजीआर बकाए पर मोहलत दे रही है, ऐसे में कंपनी को उम्मीद है कि उसके वित्तीय मानक मौजूदा वित्त वर्ष से ठीक-ठाक सुधरेंगे। अधिकारी ने कहा, मोहलत के कारण अगले चार साल तक पूंजी मुक्त रहेगी, ऐसे में कंपनी 5जी की नीलामी में भागीदारी करेगी। (साथ में अभिजित लेले)