वोडाफोन आइडिया (वीआई) भी अपनी प्रीपेड दरों में 20-25 प्रतिशत तक का इजाफा कर प्रतिस्पर्धी भारती एयरटेल की जमात में शामिल हो गई है। भारती एयरटेल ने सोमवार को प्रीपेड दरों में इजाफा किया था। वीआई की नई दरें गुरुवार से प्रभावी होंगी।
ये दर वृद्घि दूरसंचार सुधार के दो महीने बाद की गई हैं और इन्हें इस क्षेत्र की वित्तीय स्थिति में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। वीआई के मामले में, इस दर वृद्घि से निवेशक धारणा मजबूत बनाने और कोष जुटाने में मदद मिलेगी। कंपनी को इस वित्त वर्ष के अंत तक कोष उगाही पूरी हो जाने की संभावना है।
वीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है, ‘नई दरों से एआरपीयू (प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व) सुधार की प्रक्रिया शुरू होगी और इससे उद्योग को वित्तीय दबाव कम करने में मदद मिलेगी।’
इसमें कहा गया है कि इन दर वृद्घि से कंपनी को भारत के सबसे तेज मोबाइल नेटवर्क में लगातार सुधार लाने में मदद मिलेगी। कंपनी की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘वीआई सरकार के डिजिटल इंडिया विजन की रफ्तार मजबूत बनाए जाने में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्घ बनी हुई है।’
सभी दूरसंचार कंपनियों में वीआई का सबसे कम एआरपीयू है। उसने दूसरी तिमाही में 109 रुपये का एआरपीयू दर्ज किया, जो तिमाही आधार पर 5.3 प्रतिशत की वृद्घि है। एयरटेल और वीआई दोनों ने कहा है कि अल्पावधि में एआरपीयू बढ़ाकर 200 रुपये और दीर्घावधि में 300 रुपये पर पहुंचाने की जरूरत होगी।
एयरटेल और वीआई, दोनों ने शुरुआती स्तर के प्रीपेड प्लांस और कुछ खास पोस्टपेड प्लान तथा फैमिली पैक में कुछ महीने पहले दर वृद्घि की थी, वहीं वीआई द्वारा ताजा दर वृद्घि से सभी स्लैब (मौजूदा 79-2,399 रुपये) की दरें प्रभावित होंगी।
जहां एंट्री लेवल स्लैब में दरें 25 प्रतिशत तक बढ़ी हैं, वहीं अन्य स्लैब में 20 प्रतिशत की वृद्घि हुई है। डेटा टॉप-अप के लिए भी दरें बढ़ाई गई हैं।
एयरटेल और वीआई के ग्राहक आधार में प्रीपेड ग्राहकों का योगदान 90-95 प्रतिशत है।
इंडिया रेटिंग्स के अनुसार, कीमत वृद्घि के इस कदम का मकसद संभवत: गैर-डेटा ग्राहकों से डेटा सेवाओं की ओर केंद्रित होना है, जिससे उद्योग के लिए एआरपीयू बढ़ाने में मदद मिल सके।
अपने प्रतिस्पर्धियों के हाथों ग्राहक गंवा चुकी वीआई अब क्षमता वृद्घि, नेटवर्क सुधार और कर्ज चुकाने के लिए कोष उगाही की संभावना तलाश रही है। हालांकि उसे स्पेक्ट्रम और समायोजित सकल राजस्व संबंधित बकाया पर छूट के संबंध में राहत मिली है, लेकिन करीब 6,000 करोड़ रुपये का आगामी कर्ज भुगतान अगले कुछ महीनों के दौरान किया जाना बाकी है।
मुंबई स्थित एक बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हालांकि वीआई द्वारा दर वृद्घि लाभदायक है और इससे उसकी वित्तीय सेहत सुधरेगी, लेकिन यह पूरी तरह पर्याप्त नहीं है। हालात में ज्यादा सुधार के लिए दरों में और अधिक बदलाव की जरूरत है। भारत में दरें भी भी कम हैं।
