फेसबुक के मेसेंजर ऐप व्हाट्सऐप ने भले ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बुनियादी अधिकार के उल्लंघन का हवाला देते हुए सरकार के एंड टू एंड इनक्रिप्शन को खत्म करने के नए नियमों (जिनका पालन 25 मई से किया जाना था) को चुनौती देने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में गुहार लगाई हो लेकिन इस कानूनी लड़ाई में सबसे ज्यादा फायदा इसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी टेलीग्राम को होता दिख रहा है जिसने कम्युनिकेशन ऐप में शीर्ष पर अपनी जगह बना ली है और व्हाट्सऐप फिसल कर चौथे पायदान पर पहुंच गया है।
गूगल स्टोर पर डाउनलोड के आंकड़ों की जानकारी देने वाली ऐप एनी के मुताबिक व्हाट्सऐप 14 मई को भारत में पहले पायदान वाला कम्युनिकेशन ऐप था और नए नियमों का पालन करने से एक दिन पहले यानी 24 मई को यह फिसलकर चौथे पायदान पर पहुंच गया और 27 तारीख को भी यह चौथे पायदान पर ही रहा। टेलीग्राम जो कम्युनिकेशन ऐप में दूसरे पायदान पर था अब इसने अपनी जगह शीर्ष पर बना ली है। इतना ही नहीं सभी ऐप में व्हाट्सऐप की कुल रैंकिंग 14 मई के 17 वें पायदान से फिसलकर 37वें पायदान पर आ चुका है और इसमें काफी गिरावट है।
भारतीय लोगों को कभी सिग्नल ऐप भी बहुत पसंद आया और 4 जनवरी और 17 जनवरी के बीच 2.64 करोड़ बार यह ऐप डाउनलोड किया गया। उस दौरान कई लोगों ने इस वजह से सिग्नल डाउनलोड किया क्योंकि जब व्हाट्सऐप ने अपने गोपनीयता के नियमों को थोड़ा सख्त बनाने का फैसला किया तो इसको लेकर लोगों ने काफी आपत्ति जताई गई और तब लोगों ने सिग्नल को एक ज्यादा सुरक्षित विकल्प के तौर पर डाउनलोड करना शुरू कर दिया। इससे पहले सिग्नल के प्रति लोगों का आकर्षण नहीं बढ़ा था। हालांकि इसकी रैंकिंग 25 मई को 34 वें पायदान पर थी लेकिन इसमें 27 मई को सुधार दिखा और यह 17वें पायदान पर नजर आने लगा।
एक चिंता स्पष्ट दिख रही है कि जो ऐप गोपनीयता पर जोर देता है और किसी भी संपर्क या संदेश का मेटाडेटा स्टोर नहीं करता है और जिसका एंड टू एंड इनक्रिप्शन है वह विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार के आदेश का पालन करने के लिए अपने मॉडल में कोई बदलाव करेगा इसकी उम्मीद नहीं है। टेक आर्क के संस्थापक फैसल कावूसा कहते हैं, ‘सिग्नल ने गोपनीयता का जो मजबूत पक्ष दिया है उसको देखते हुए सरकार के नए नियमों के आधार पर भारत में कोई भी ऐप का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।’ हालांकि सिग्नल ने सवालों का जवाब नहीं दिया।
टेलीग्राम (जिसके दुनिया भर में 50 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं) को अभी किन क्षेत्रों में नियमों का पालन करना है इसका कोई स्पष्टीकरण दिए बगैर ही कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘टेलीग्राम ने भारत सरकार द्वारा लागू लगभग सभी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानूनों का पालन किया है। टेलीग्राम ने अनुपालन के संबंध में संबंधित सरकारी अधिकारियों को लिखित में सूचना भी दे दी है।’
व्हाट्सऐप ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपनी गुहार लगाते हुए यह भी कहा कि सूचना देने वालों का पता लगाने के लिए बिचौलियों की जरूरत होगी और इसके लिए इन मंचो के उपयोगकर्ताओं की जानकारी लेने के साथ ही इनका डेटा भी एकत्र करना होगा। इसने कहा कि यह नियम सिग्नल और टेलीग्राम, बैंकिंग ऐप्लिकेशन और अन्य एंड टू एंड इनक्रिप्टेड मंचों के मामले में यह तकनीकी रूप से अव्यावहारिक होगा जो किसी की जानकारी लेने के लिए जरूरी मेटाडेटा न रखते हैं और न ही इसका संग्रह करते हैं।
हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि जिन मामलों में ऐप के मेटाडेटा जुटाए गए हैं वहां इस नियम का मतलब यह है कि इनक्रिप्शन को कमजोर किया जाए।