इन्फोसिस (Infosys) के चेयरमैन नंदन नीलेकणी का कहना है कि जेनरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (GenAI) क्रांति अब अपने दूसरे वर्ष में है तथा पिछले 18 महीने के शोर और सुगबुगाहट से कुछ स्पष्टता उभरने लगी है।
नीलेकणी ने अपनी नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों को लिखे पत्र में कहा ‘एआई विनाश की शुरुआती अतिशयोक्ति और आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) जैसी एआई की प्रगति से मानव विलुप्त होने का जोखिम शांत पड़ गया है। लोगों ने स्वीकार कर लिया है कि किसी भी अन्य सामान्य प्रयोजन वाली तकनीक चाहे वह बिजली हो, परमाणु ऊर्जा हो, इंटरनेट हो या यहां तक कि आग जैसी खोज की तरह जेनएआई में जिम्मेदारी के दायरे में खोजबीन और विकास किए जाने पर अच्छे परिणाम मिलने की अपार संभावनाएं हैं।’
नीलेकणी ने कहा ‘इसके अलावा व्यापक एआई विनियमन की वकालत करने वाले प्रलय के उन कई भविष्यवक्ताओं ने स्व्यं को केवल संरक्षणवादी साबित किया है जो जेनएआई के लाभों को कुछ कंपनियों और निवेशकों तक सीमित रखना चाहते हैं। यह भी स्पष्ट है कि ऐसा कोई परिदृश्य नहीं होगा, जहां हमारे पास ‘सब को नियंत्रित करने के लिए एक मॉडल’ होगा।’
नीलेकणी ने कहा कि एआई (AI) की वास्तविक शक्ति सर्वोत्तम समाधान प्राप्त करने के लिए सभी विभिन्न मॉडलों और उपकरणों को व्यवस्थित करने से आएगी। उन्होंने कहा कि यह पिछली पीढ़ियों की प्रौद्योगिकी से बहुत अलग नहीं है।
इसके अलावा शक्तिशाली ओपन-सोर्स वाले एआई मॉडल के उदय ने कठिन कारोबारी और सामाजिक चुनौतियों को हल करने के लिए एआई की तैनाती को तेज कर दिया है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे एआई विकसित हो रही है, यह स्पष्ट हो रहा है कि एंटरप्राइज एआई उपभोक्ता एआई से काफी अलग होगी।