आयकर विभाग ने भारत के मोबाइल फोन विनिर्माताओं और वितरकों पर व्यापक छापेमारी की है। इन कंपनियों में ओप्पो, श्याओमी, वन प्लस, डिक्सॉन और राइजिंग स्टार इंडिया शामिल हैं। कंपनियों के देश भर में स्थित परिसरों में मंगलवार व बुधवार को छापेमारी हुई है।
मोबाइल उद्योग की दिग्गज कंपनियों के दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलूरु, कोलकाता और गुवाहाटी सहित अन्य 25 परिसरों में छापेमारी की गई है। सूचना के मुताबिक कुछ फिनटेक कंपनियां भी निशाने पर आई हैं, जिनके कुछ कार्यालयों पर छापे पड़े हैं।
यह तलाशी आयकर चोरी की गुप्त सूचना और गुप्त आय पर जब्त किए गए डिजिटल आंकड़ों के आधार पर की गई है। सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के बारे में राज्य के जांच विभाग को जानकारी नहीं थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुछ जगहों पर छापे चल रहे हैं और तलाशी और जब्ती का काम पूरा होने के बाद ही अद्यतन जानकारी मिल सकेगी। श्याओमी और ओप्पो जैसी इनमें से कुछ कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से भी पूछताछ हो रही है।
ओप्पो ने एक बयान में कहा है, ‘भारत में निवेश साझेदार के रूप में हम यहां के कानूनों का पूरा सम्मान और उसका पालन करते हैं। हम प्रक्रिया के मुताबिक अधिकारियों की पूरी मदद करेंगे।’
यह कार्रवाई ऐसे वक्त हुई है, जब एफआईएच मोबाइल्स और फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप कंपनी की सहायक इकाई भारत एफआईएच लिमिटेड ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के माध्यम से 5,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए सेबी में आवेदन किया है। पिछले शुक्रवार को फॉक्सकॉन की इकाई में उस समय विरोध प्रदर्शन हुआ था, जब श्रीपेरंबदूर स्थित कंपनी के हॉस्टल में फूड प्वाइजनिंग होने के कारण 159 मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
अगस्त महीने में इसी तरह की छापेमारी चीन सरकार द्वारा नियंत्रित टेलीकॉम वेंटर जेडटीई के कुछ कार्यालयों में हुई थी। कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी ली जियान जुन सहित कंपनी के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ हुई थी, जो कुछ वित्त वर्षों के दौरान कंपनी द्वारा स्रोत पर कर न जमा करने को लेकर थी। दूरसंचार दिग्गज पर आरोप था कि वह टेलीकॉम उपकरणों के कारोबार से मुनाफा कमा रही है और वर्षों से बही में नुकसान दिखा रही है।
भारत के स्मार्टफोन बाजार पर चीन की कंपनियों का दबदबा है। मोबाइल डिवाइस मॉनिटर के आंकड़ों के मुताबिक श्याओमी की 23 प्रतिशत, विवो की 15 प्रतिशत, रियलमी की करीब 15 प्रतिशत और ओप्पो की करीब 10 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है।
मंगलवार को आईटी अधिकारियों ने चिट फंड, वित्त और रियल एस्टेट कारोबार में लगे नेवेल्ली के समूह की तलाशी ली थी और जब्ती की थी। यह समूह शैक्षणिक संस्थान भी चलाता है।
