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समस्या का हल, ईएमएलए पोर्टल

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 10:36 PM IST

विधायकों और संसद सदस्यों को कंप्यूटर और लैपटॉप मुहैया कराने से आम जनता का कितना फायदा हो सकता है, यह कर दिखाया है तमिलनाडु के एक विधायक ने।
अरियालुर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक अपने इलाके के लोगों की समस्याएं सुलझाने के लिए आधुनिक तकनीक का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। बीच में ही स्कूल की पढ़ाई छोड़ देने वाले छात्रों की समस्याओं, रोजगार के अवसर मुहैया कराने और विकास कार्यों पर नजर रखने के लिए यह विधायक सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं।
ईएमएलए नामक ऑनलाइन पोर्टल स्थानीय विधायक को उनके  निर्वाचन-क्षेत्र में हो रहे विभिन्न विकास कार्यों पर नजर रखने में मदद ही नहीं करता है बल्कि यह एक जॉब पोर्टल और जन सूचना सेवा के रूप में भी भूमिका अदा कर रहा है।
पोर्टल को शुरू करने की दिमागी उपज किसी और की नहीं बल्कि अरियालुर निर्वाचन क्षेत्र के 35 वर्षीय विधायक एस एस शिवशंकर की है। पोर्टल पर न केवल हॉउस साइट पट्टे के बारे में जानकारी मुहैया कराई जा रही है बल्कि उपभोक्ताओं को विभिन्न सरकारी विभागों के फॉर्मों को डॉउनलोड करने और रेलगाड़ियों की समय-सारणी देखने की भी सुविधा दी गई है।
इसके अलावा, इस पोर्टल पर एक रेडीमेड डेटा भी उपलब्ध कराया गया है, जिसमें मेहनतकश और दफ्तरों में नौकरी करने योग्य लोगों के  नाम जोड़े गए हैं। शिवशंकर ने बताया कि इस पोर्टल की सफल कहानियों में एक यह है कि पुलिकट स्थित एक इस्पात निर्माण संयंत्र ने अपने यहां भर्तियां करने के लिए इसी पोर्टल के डेटाबेस से ही 50 लोगों की भर्तियां की थी।
यही नहीं इस पोर्टल पर करीब 180 छात्रों का एक डेटाबेस भी मौजूदा है, जिसे यहां के विधायक ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता पर आईटी सॉफ्ट और तकनीकी कौशल के लिए प्रशिक्षित किया है। शिवशंकर का कहना है कि ये छात्र अब किसी भी डेटा प्रोसेसिंग काम के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
वर्तमान में शिवशंकर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में खुद का एक ग्रामीण बीपीओ स्थापित करने की योजना बनाई है। ईएमएलए नामक इस प्रभावशाली ट्रैकिंग साइट की मदद से शिवशंकर हरेक वार्ड में स्ट्रीटलाइट की उचित व्यवस्था, सार्वजनिक वितरण केंद्रों, जल संसाधन, सड़क विकास परियोजनाओं और अन्य कार्यों पर भी नजर रख रहे हैं।
शिवशंकर ने बताया, ‘अगर हमारे निर्वाचन क्षेत्र में एक भी स्ट्रीटलाइट खराब हो जाएगी तो हमें उसके बारे में तुरंत जानकारी मिल जाएगी। निस्संदेह इसके लिए मैं इस ईएमएलए ट्रैकिंग तकनीक को ही धन्यवाद दूंगा।’
हालांकि अधिकतर राज्यों में विधान सभा और विधान परिषद के सदस्यों को लैपटॉप मुहैया कराया जाता है ताकि वे ई-प्रशासन का प्रोत्साहित करें और साथ ही अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों पर नजर रखें। लेकिन सच्चाई यही है कि शिवशंकर जैसे इक्का-दुक्का विधायक ही विकास कार्यों पर नजर रखने के लिए लैपटॉप और तकनीक का इस्तेमाल करते हैं।
ज्यादातर विधायक इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि इस तरह की तकनीक उनकी समझ से बाहर है। हालांकि इस बाधा को खत्म करने के लिए कुछ विधानसभाओं ने प्रशिक्षण पाठयक्रम की व्यवस्था की है। लेकिन कुछ ही विधायक इसका फायदा उठा पा रहे हैं। यह भी पता चला है कि कुछ विधायक कंप्यूटर और लैपटॉप अपने बच्चों को दे देते हैं।

First Published : April 1, 2009 | 11:17 PM IST