यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम ऐंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) अगले पांच साल में दुबई, कतर, वियतनाम, मिस्र, नाइजीरिया, सूडान और कजाकस्तान में कैम्पस स्थापित करने की योजना बना रही है।
यूपीईएस के उप-कुलपति पारंग दीवान ने कहा, ‘इनमें से कुछ अंतरराष्ट्रीय परिसरों की स्थापना अगले साल की जा सकती है, क्योंकि वहां प्रतिभा विकास की जरूरत महसूस की जा रही है।
इन देशों में परिसर की स्थापना के लिए हमने संयुक्त उपक्रमों के लिए स्थानीय भागीदारों की पहचान की है।’ विश्वविद्यालय के देश में तीन कैम्पस हैं जो देहरादून, गुड़गांव और राजामुंदड़ी (आंध्र प्रदेश) में हैं। विश्वविद्यालय अपने विदेशी भागीदारों के साथ संबंध मजबूत बनाने पर भी ध्यान दे रहा है।
यह यूनिवर्सिटी ऑफ ओक्लाहोमा और एडीलेड यूनिवर्सिटी जैसे आस्ट्रेलियाई और अमेरिकी विश्वविद्यालयों के संपर्क में है। यूपीईएस ने संयुक्त शोध, फैकल्टी एक्सचेंज और स्टूडेंट एक्सचेंज कार्यक्रमों के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
हालांकि मौजूदा वैश्विक मंदी के असर से यूपीईएस भी बच नहीं पाया है। कई बड़ी कंपनियां इस बार प्लेसमेंट के दौरान उसके कैम्पस का दौरा नहीं कर रही हैं।
विश्वविद्यालय अब छोटी कंपनियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। दीवान ने कहा, ‘पिछले साल तकरीबन 285 कंपनियां प्लेसमेंट में शामिल हुई थीं। इस साल यह संख्या काफी कम है, लेकिन हमें उम्मीद है कि अगले दो-तीन महीनों में 90 फीसदी छात्रों को प्लेसमेंट में शामिल करेंगे। वेतन पैकेज भी 2008 के स्तरों पर ठहरा हुआ है।’