facebookmetapixel
Year Ender 2025: इक्विटी म्युचुअल फंड्स का कैसा रहा हाल? इन 3 कैटेगरी ने निवेशकों को किया मालामालYear Ender 2025: NFOs आए… लेकिन निवेशकों ने क्यों पीछे खींचे हाथ?Tata Steel पर नीदरलैंड्स में $1.4 अरब का मुकदमा दायर, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का आरोपRevised vs Updated ITR: दोनों में क्या है अंतर और किस टैक्सपेयर्स को क्या भरना जरूरी, आसान भाषा में समझेंNational Pension Scheme में हुए कई बदलाव, निवेशकों को जानना जरूरी!कोरोना के बाद वायु प्रदूषण सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट! डॉक्टरों का दावा: फेफड़ा-दिल को हो रहा बड़ा नुकसान2026 में कैसी रहेगी बाजार की चाल, निवेशक किन सेक्टर्स पर रखें नजर? मोतीलाल ओसवाल ने दिया न्यू ईयर आउटलुकYear Ender: ग्लोबल बैंक के लिए बैंकिंग सेक्टर में फिर बड़ा मर्जर? क्या और घटेगी सरकारी बैंकों की संख्याGold, Silver Price Today: सोना नए ​शिखर पर, चांदी ने भी बनाया रिकॉर्ड; चेक करें आज का भावशिप रिसाइक्लिंग पर सरकार की बड़ी तैयारी: हॉन्ग कॉन्ग कंवेंशन के अनुरूप कड़े नियम जल्द

चीनी पर उपकर को संसद की मंजूरी

Last Updated- December 05, 2022 | 4:45 PM IST

चीनी उद्योग को मजबूती प्रदान करने के लिए चीनी पर लगने वाले उपकर को मौजूदा 15 से बढ़ाकर 25 रुपये प्रति क्विंटल करने के प्रावधान वाले विधेयक को आज संसद ने मंजूरी दे दी। राज्यसभा में ‘चीनी विकास कोष संशोधन विधेयक 2008’ पर हुई संक्षिप्त चर्चा के बाद इसे लोकसभा को लौटा दिया गया।


 लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। कृषि मंत्री शरद पवार ने विधेयक पर हुई चर्चा के उत्तर में बताया कि चीनी विकास कोष से चीनी मिलों को मिलने वाले धन का इस्तेमाल केवल गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान करने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को किसानों के बकाए का भुगतान पहले करने का निर्देश दिया जाएगा तथा 14 दिनों के अंदर भुगतान न करने पर 14 फीसदी ब्याज का भुगतान करना होगा और उनकी निजी संपत्ति तथा मिल की मशीनें जब्त करने का निर्देश जिला कलेक्टरों को दिया जाएगा।


पवार ने कहा कि इसका पालन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों को अहम भूमिका निभानी होगी। पवार ने बताया कि कोष के तहत मिलों को दो किस्तों में राशि प्रदान की जाएगी। पहली किस्त के तहत मिली राशि से किसानों के बकाए के भुगतान के प्रमाणपत्र पेश करने के बाद ही मिलों को दूसरी किस्त की राशि मिलेगी। उन्होंने साथ ही कहा कि पिछले चार पांच साल से बंद पड़ी मिलों को इसका फायदा नहीं होगा और उन्हें कोई राशि नहीं दी जाएगी।

First Published - March 19, 2008 | 10:39 PM IST

संबंधित पोस्ट