दूरसंचार गियर बनाने वाली फिनलैंड की कंपनी नोकिया ने कहा है कि देश भर में 5जी नेटवर्क का परिचालन 2023 से 2025 के बीच शुरू होगा लेकिन कुछ क्षेत्रों में शुरुआती नेटवर्क 2022 की दूसरी छमाही तक उपलब्ध हो सकता है बशर्ते स्पेक्ट्रम की नीलामी समय पर हो जाए। 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी इसी साल जून से जुलाई के बीच करने की योजना है।
दूरसंचार गियर विनिर्माता ने कहा कि वैश्विक अनुसंधान के अनुसार भारत में 2025-26 तक 35 से 40 करोड़ 5जी ग्राहक होंगे। यह आंकड़ा काफी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह देश में मोबाइल ग्राहकों की मौजूदा संख्या का करीब एक तिहाई और कुल ब्रॉडबैंड मोबाइल ग्राहकों का करीब आधा है। इनमें से अधिकतर ग्राहक फिलहाल 4जी सेवाओं का उपयोग करते हैं।
नोकिया भारत में मेक इन इंडिया की रणनीति पर आगे बढ़ रही है। कंपनी का मानना है कि उसके अधिकतर 5जी रेडियो और 50 फीसदी से अधिक दूरसंचार उपकरणों का उत्पादन उसके चेन्नई संयंत्र में किया जाएगा। ये दूरसंचार उत्पादों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के लिए पात्र हैं।
नोकिया के प्रमुख (भारतीय क्षेत्र) संजय मलिक ने वैश्विक दूरसंचार गियर कारोबार के बारे में बताते हुए कहा, ‘हमारे लगभग सभी 4जी रेडियो भारत में विनिर्मित हैं। इसलिए हमने 5जी रेडियो के लिए भी उसी रणनीति पर आगे बढऩे की योजना बनाई है। हम 4जी की ही तरह आधे 5जी रेडियो का निर्यात भी जारी रखेंगे। फिलहाल मैं कोई आंकड़ा नहीं बता सकता लेकिन 50 फीसदी से काफी अधिक उपकरण भारत में बनेंगे।’
मलिक ने कहा कि नोकिया अमेरिका और यूरोप एवं एशिया प्रशांत के देशों को निर्यात के जरिये हर साल 1 अरब डॉलर से अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करती है।
नोकिया पीएलआई योजना के तहत पहले वर्ष के लिए अपनी निवेश प्रतिबद्धताओं (चार साल में कुल लक्षित निवेश का 20 फीसदी) को पहले ही पार कर चुकी है। कंपनी अपने चेन्नई संयंत्र में फिक्स्ड नेटवर्क ओएलटी और आईपी ऑप्टिक्स जैसे नए उत्पादों के विनिर्माण पर भी काम कर रही है।
मलिक ने कहा कि कंपनी 5जी नेटवर्क को चालू करने के लिए तैयार है बशर्ते स्पेक्ट्रम की नीलामी समय पर जो जाए। नोकिया 5जी रेडियो का उत्पादन पहले ही शुरू कर चुकी है। नोएडा और चेन्नई में उसके डिलिवरी केंद्रों पर वैश्विक स्तर पर 5जी नेटवर्क को एकीकृत करने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।
नोकिया देश की सभी चार दूरसंचार कंपनियों को दूरसंचार उपकरणों की आपूर्ति करती है। वह भारत में इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी के अनुसार, देश में 40 से 50 फीसदी डेटा का प्रवाह उसके नेटवर्क के जरिये होता है। इसके अलावा देश में 40 से 50 फीसदी वॉइस कॉल और 95 फीसदी से अधिक 4जी एलटीई नेटवर्क का परिचालन उसके उपकरणों के जरिये होता है। इसके अलावा 60 फीसदी से अधिक फाइबर टु होम कारोबार भी उसके पास है।
