दूरसंचार गियर बनाने वाली चीन की प्रमुख कंपनी हुआवे टेक्नोलॉजिज ने सरकार के ‘ट्रस्टेड टेलीकॉम पोर्टल’ के ऐक्सेस के लिए मंजूरी मांगी है ताकि वह उन दूरसंचार उत्पादों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा कर सकेगी जिन्हें दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने उससे खरीदने के लिए सहमति जताई है। यह पोर्टल 15 जून को लाइव हो चुका है।
हुआवे की इस पहल को काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। इस मामले के करीबी सूत्रों बताया कि चीन की दूरसंचार कंपनियों की व्याख्या के अनुसार, दूरसंचार क्षेत्र पर नए राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश किसी भी तरह से उन्हें निजी दूरसंचार कंपनियों के लिए दूरसंचार उपकरणों की बिक्री प्रक्रिया में भाग लेने से नहीं रोकता है।
कंपनी फिलहाल इस मामले में सरकार के जवाब का इंतजार कर रही है। उसने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार किया।
राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश के तहत सभी सेवा प्रदाताओं के लिए अनिवार्य किया गया है कि वे मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) से खरीदी जाने वाले सभी नए दूरसंचार उपकरणों पर विश्वसनीय उत्पाद और विश्वसनीय स्रोत का स्टांप लगवाएं। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, इसका उद्देश्य मुख्य तौर पर चीन के दूरसंचार उत्पादों पर करीब नजर रखना और यह सुनिश्चित करना है कि हुआवे और जेडटीई जैसी दूरसंचार कंपनियों नए उपकरणों, विशेष तौर पर 5जी उपकरणें की
बिक्री के लिए हतोत्साहित किया जा सके।
दूरसंचार कंपनियां यदि नए उपकरणों की खरीदारी करना चाहती हैं तो नई प्रक्रिया के तहत उन्हें मंजूरी के लिए उत्पादों के विवरण के साथ आवेदन करना होगा। साथ ही वेंडरों को उत्पादों के स्रोत और उनमें लगे विभिन्न कलपुर्जों के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल की अध्यक्षता में दूरसंचार पर राष्ट्रीय सुरक्षा समिति यह निर्धारित करेगी कि वह उपकरण विश्वसनीय और विश्वसनीय स्रोत से है।
यह नया आदेश उन प्रतिबंधों के समान है जो अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने भी चीनी गियर के आयात पर इस आशंका से लगाए हैं कि वे उनके दूरसंचार बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं। पिछले साल भारत और चीन के बीच सीमा पर संघर्ष और दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास को देखते हुए देश में चीनी दूरसंचार गियर और विशेष रूप से 5जी के लिए उपकरणों पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठने लगी है।
सरकार ने नियमों में एक शर्त यह भी लगाई है कि भारत के पड़ोसी देशों की कंपनियों को सार्वजनिक खरीद निविदाओं में भाग लेने की अनुमति तभी दी जाएगी जब वे सक्षम प्राधिकारी के समक्ष पंजीकृत हों। इससे बीएसएनएल के 4जी नेटवर्क के अनुबंध के लिए बोली प्रक्रिया से चीन की कंपनियों को प्रभावी तौर पर अलग कर दिया गया। उसके बाद चीनी गियर विनिर्माताओं को मौजूदा 5जी परीक्षणों में भाग लेने से भी बाहर रखा गया है, भले ही हुआवे जैसी कंपनियां शुरू में भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ क्यों न जुड़ी रही हों।
हालांकि कुछ गैर-चीनी मूल उपकरण विनिर्माता भी नए नियम को लेकर चिंतित हैं। दूरसंचार गियर बनाने वाली एक प्रमुख कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनकी कंपनी कुछ उपकरणों की खरीद चीन से अथवा अन्य देशों में मौजूद चीनी कंपनियों से करती है।
