फेसबुक और इसकी कंपनियों को अब मेटा के नाम से जाना जाएगा। इसकी घोषणा कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी मार्क जकरबर्ग ने 28 अक्टूबर को अपने वार्षिक डेवलपर सम्मेलन कनेक्ट में देर से की।
कंपनी के नए नाम को लेकर कई नामों की चर्चा रही लेकिन आभासी और संवर्धित वास्तविकताओं के आधार पर मेटावर्स की बड़ी संकल्पना को देखते हुए इसे स्वीकृति मिली है।
एपों के फेसबुक के परिवार की पैतृक कंपनी और इसके नए प्रयासों को अब मेटा के नाम से जाना जाएगा।
कंपनी का बड़ा दांव मेटावर्स या सोशल 3 डी आभासी क्षेत्र पर है जहां आप दूसरे लोगों के साथ इमर्सिव अनुभव साझा कर सकते हैं और यह तब भी हो सकता है जब आप एक दूसरे के समक्ष नहीं हों और साथ में मिलकर ऐसा कुछ कर सकते हैं जो भौतिक दुनिया में कर पाना मुश्किल हो।
जुकरबर्ग ने गुरुवार को संस्थापक के पत्र में कहा, ‘मेटावर्स का पारिभाषिक गुण उपस्थिति का आभास होगा जैसे कि आप दूसरे व्यक्ति के साथ उपस्थित हैं या दूसरी जगह पर मौजूद हैं। दूसरे व्यक्ति के साथ वास्तविक रूप में उपस्थित होने का एहसास सोशल तकनीक का सबसे बड़ा सपना है। इसीलिए हम इस पर जोर दे रहे हैं।’
मेटा का स्वरूप कैसा होगा इसका एक अच्छा उदाहरण हाल में आई हॉलीवुड फिल्म फ्री गाय है जिसमें रेयान रेनॉल्ड्स ने अभिनय किया है।
फेसबुक के मुख्य उत्पाद अधिकारी क्रिस कोक्स ने आज सुबह पे्रस वार्ता में कहा, ‘मेटा यूनानी शब्द है। इस शब्द का मतलब मौजूदा तकनीकी क्षमता से कहीं आगे है। इसका मतलब लोगों को अधिक करीब होने, अधिक जुड़े होने और पहले से मजबूत उपस्थिति का एहसास दिलाने के लिए बुनियादी तौर पर सहयोग करना है।’
उन्होंने कहा, ‘मेटावर्स में आप जो कुछ कल्पना कर सकते हैं करीब करीब वह सब कुछ कर पाने में सक्षम होंगे जैसे कि दोस्तों और परिवारों के साथ मिलना, काम करना, सीखना, खेलना, खरीदारी करना, कुछ निर्माण करना आदि। इसके अलावा आपको पूरी तरह से ऐसे अनुभव हासिल होंगे जो आज हम कम्प्युटर या फोन पर लेने के बारे में नहीं सोच सकते हैं। हमने एक फिल्म तैयार की है जिसमें बताया गया है कि समय आने पर आप किस तरह से मेटावर्स का इस्तेमाल कर सकेंगे।’
कोक्स ने कहा कि कंपनी मेटावर्स पर शुरुआती दांव लगा रही है जिसे मुख्यधारा में आने में करीब पांच से 15 वर्ष का समय लग सकता है।
कोक्स ने कहा, ‘कोविड के दौरान हार्डवेयर उत्पादों का निर्माण और डिलिवरी काफी मुश्किल भरा रहा क्योंकि उद्योग में इसकी भारी कमी थी और इसकी राह में कई सारी बाधाएं थीं लेकिन हमने किफायती, उपयोग करने में वास्तव में सहूलियत वाला और मनोरंजन के साथ आभासी वास्तविकता वाल हार्डवेयर तेजी से तैयार करने के लिए जितनी मेहनत कर सकते थे की।’
फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे एकल ऐपों को पहले की तरह उसी नाम से जाना जाएगा। केवल पैतृक कंपनी को अब मेटा कहा जाएगा।