आईटी कंपनी इन्फोसिस के सह-संस्थापक एवं पूर्व मुख्य कार्याधिकारी क्रिस गोपालकृष्णन ने मंगलवार को बेंगलूरु टेक समिट 2021 (बीटीएस 2021) से पूर्व एक कार्यक्रम में अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि कोविड महामारी की वजह से देश के आईटी क्षेत्र की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है, क्योंकि इससे वैश्विक कंपनियों की निर्भरता और भरोसा इस पर बढ़ा है।
बीटीएस 2021 का आयोजन बेंगलूरु में 17 नवंबर से 19 नवंबर के बीच किया जाएगा और इसमें आईटी, बायोटेक्नोलॉजी और स्टार्टअप सेक्टर के दिग्गज इन क्षेत्रों के बारे में अपने विचार पेश करेंगे।
गोपालकृष्णन ने कहा, ‘भारत निश्चित तौर पर 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और सवाल यह है कि ऐसा कम होगा। कर्नाटक का इस दिशा में बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा है, क्योंकि वह देश का तकनीकी एवं नवाचार केंद्र है।’
नोबल पुरस्कार विजेता वेंकटरामन रामकृष्णन, वल्र्ड इकोनोमिक फोरम संस्थापक एवं कार्यकारी चेयरमैन क्लॉस स्वाब, बुकमाइशो के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी आशिष हेमराजानी, तथा इंटेल, टेस्को, किंड्रिल के वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं में शामिल होंगे।
बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ ने कहा, ‘हम ऐसे मोड़ पर हैं, जब कोविड महामारी पीछे छूट चुकी है और महामारी की वजह से जो बदलाव आया है उससे नवाचार की जरूरत बढ़ी है। इस साल का थीम बेहद महत्वपूर्ण है। हाल के वर्षों में हमने यह देखा कि बेंगलूरु और कर्नाटक ने सम्मेलन में श्रेष्ठ प्रदश्रन किया है।’ कर्नाटक सरकार द्वारा आयोजित बीटीएस 2021 का यह 24वां वर्ष है। इस सम्मेलन का एक मुख्य उद्देश्य मैसूर, हुबली और मंगलोर को टेक्नोलॉजी स्टार्टअप के आगामी केंद्रों के तौर पर प्रदर्शित करना है। कर्नाटक डिजिटल इकोनोमी मिशन के चेयरमैन बी वी नायडू ने कहा, ‘हमें तकनीकी नवाचार के संदर्भ में बेंगलूरु और राज्य के अन्य क्षेत्रों के बीच अंतर दूर करने की जरूरत है। मैं व्यवसायियों को यह बता रहा हूं कि आप राजधानी शहर में पहले ही हब बना चुके हैं और अब समय इसकी लोकप्रियता बढ़ाने का है।’
हेल्थकेयर स्टार्टअप पोर्टी मेडिकल के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक गणेश कृष्णन ने कहा कि स्टार्टअप कंपनियों की अब इस पर ध्यान देने की जिम्मेदारी है कि बायोकॉन और इन्फोसिस जैसी कंपनियों ने देश के लिए दो-तीन दशकों में रोजगार सृजन के संदर्भ में क्या कार्य किया। उन्होंने कहा, ‘हमें अवसरों का लाभ उठाना होगा।’
