वास्तव में 5जी मोबाइल का बाजार कितना बड़ा होगा? शुरुआती आंकड़ों के प्रति मोबाइल ऑपरेटर अधिक उत्साहित नहीं दिख रहे हैं। उन्हें आशंका है कि वैश्विक स्तर पर उपयोग के मामलों में कमी ग्राहकों को इस नई सेवा को तेजी से अपनाने से रोक सकती है। इससे प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) में भी स्थिरता दिख सकती है जबकि इसमें बड़े पैमाने पर निवेश (प्रति ऑपरेटर लगभग 60 हजार करोड़ रुपये) की आवश्यकता है।
दूरसंचार ऑपरेटरों का कहना है कि 5जी सेवाओं की शुरुआत 4जी के मुकाबले काफी धीमी गति से होगी और शुरू में वह प्रमुख शहरों अथवा सर्किलों तक ही सीमित रहेगी। जाहिर तौर पर राजस्व सृजन और ग्राहकों के लिहाज से 4जी लंबे समय तक बुनियाद के तौर पर बरकरार रहेगी। ऑपरेटरों का कहना है कि अच्छे कवरेज के साथ देश भर में उल्लेखनीय 5जी नेटवर्क तैयार होने में चार से पांच साल लग सकते हैं।
हालांकि इसके कुछ स्पष्ट सकारात्मक बातें भी हैं। 4जी के लिए बाजार को धीरे-धीरे तैयार किया गया था लेकिन 5जी के मामले में उपयुक्त स्मार्टफोन के साथ ग्राहकों का एक बड़ा बाजार पहले से ही तैयार है। यह बाजार 5जी नेटवर्क स्थापित होने से पहले ही तैयार हो गया है जिसे केवल भुनाने की आवश्यकता है। लॉन्च के पहले वर्ष में इन ग्राहकों की संख्या 2023 तक 15 से 17 करोड़ होने की उम्मीद है।
इसके अलावा अन्य बैंड में भी 50 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन उपयोगकर्ता मौजूद होंगे जिन्हें अगले एक से तीन वर्षों में 5जी सेवाओं में अपग्रेड होने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
यदि किसी को लगता है कि 2जी, 3जी और 4जी से ग्राहक तत्काल 5जी में स्थानांतरित हो जाएंगे और राजस्व में नाटकीय बदलाव आएगा तो वह गलत सोचते हैं। यूबीएस ने कुछ दिनों पहले अपने ताजा अनुमान में कहा था कि 2024 तक भारत में लगभग 5 करोड़ 5जी ग्राहक होंगे जो कुल ग्राहक आधार का महज 4 फीसदी है। हालांकि 2027 तक 5जी ग्राहकों की संख्या बढ़कर करीब 25 करोड़ होने का अनुमान है जो कुल ग्राहक आधार का करीब 20 फीसदी है।
अनुसंधान एजेंसी ओएमडीआईए कहीं अधिक आशावादी दिख रही है। उसका कहना है कि भारत में 2026 तक 36.9 करोड़ 5जी ग्राहक (कुल ग्राहकों का 30 फीसदी) होने की उम्मीद है जबकि ग्लोबल डेटा ने यह आंकड़ा 32.9 करोड़ रखा है।
राजस्व हिस्सेदारी के मामले में भी स्थिति लगभग वैसी ही है। ग्लोबल डेटा के अनुसार, 2023 में 2.3 अरब डॉलर के राजस्व का अनुमान जाहिर किया गया है जो कैलेंडर वर्ष 2021 में दूरसंचार कंपनियों के कुल सकल राजस्व का महज 7 फीसदी है। लेकिन ग्लोबल डेटा का कहना है कि 2026 में यह आंकड़ा बढ़कर 9 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा जो कुल मोबाइल राजस्व का 38 फीसदी होगा।
वैश्विक स्तर पर दूरसंचार ऑपरेटर 5जी सेवाएं शुरू करने के बाद उसी वर्ष करीब 64 फीसदी राजस्व अर्जित करेंगे जो भारत के मुकाबले कहीं अधिक होगा।
चिप विनिर्माताओं और दूरसंचार गियर विनिर्माताओं सहित कई हितधारकों का कहना है कि कई उपयोग के मामले पहले से ही दिख रहे हैं जिनसे राजस्व सृजित होंगे लेकिन दूरसंचार कंपनियों को इसके लिए तैयार रहना होगा।