चालू वित्त वर्ष में जहां सभी कंपनियों के ब्रांडेड डीजल-पेट्रोल की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई, वहीं इस दौरान इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की बाजार हिस्सेदारी बढ़ी है।
कंपनी ने इस साल पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की बिक्री में अपना दबदबा कायम रखा। हालांकि, इस अवधि में दो अन्य तेल विपणन कंपनियां- भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेश लिमिटेड (एचपीसीएल) की ब्रांडेड सेगमेंट में बाजार हिस्सेदारी कम हुई है।
आईओसी की ब्रांडेड पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की बिक्री में चालू वित्त वर्ष के दौरान इजाफा हुआ है। कंपनी के ब्रांडेड एलपीजी की बाजार हिस्सेदारी 45.1 फीसदी से बढ़कर 48.1 फीसदी पहुंच गई है। आईओसी के निदेशक (मार्केटिंग) जी.सी. डागा का कहना है कि कंपनी की इस सेगमेंट में बाजार हिस्सेदारी खास रणनीति के तहत बढ़ी है।
उनके मुताबिक, जहां कीमतों में कमी की गई, वहीं उपभोक्ताओं को प्रीमियम ईंधन की खूबियों को बताया गया। जहां तक एलपीजी की बात है, तो एलपीजी स्टेशनों की संख्या में इजाफा किया गया है। इससे बिक्री बढ़ी है।
बीपीसीएल की ब्रांडेड पेट्रोल और एलपीजी, दोनों सेगमेंट में बाजार हिस्सेदारी कम हुई है। पेट्रोल में बाजार हिस्सेदारी 33 फीसदी से 28.5 फीसदी पहुंच गई है, वहीं एलपीजी की बाजार हिस्सेदारी 33.7 फीसदी से घटकर 29.5 फीसदी रह गई है।
हालांकि एचपीसीएल के ब्रांडेड डीजल में बाजार हिस्सेदारी कम हुई है, जबकि पेट्रोल और एलपीजी में उसकी हिस्सेदारी थोड़ी बढ़ी है। पेट्रोल में इसकी बाजार हिस्सेदारी पहले 21.5 फीसदी थी, जो बढ़कर 23 फीसदी हो गई।
इसी तरह एलपीजी में बाजार हिस्सेदारी 21.2 फीसदी से बढ़कर 22.5 फीसदी पहुंच गई। कंपनी के कुल पेट्रोल की बिक्री में ब्रांडेड पेट्रोल की हिस्सेदारी 20 फीसदी, जबकि डीजल की हिस्सेदारी 12 फीसदी है। एचपीसीएल के एक अधिकारी ने बताया कि ब्रांडेड और सामान्य ईंधन की कीमतों में ज्यादा अंतर की वजह से बिक्री पर असर पड़ा है।
उनके मुताबिक, कीमतों में करीब 4 रुपये का अंतर था। हालांकि अब इसमें 2 रुपये का अंतर रह गया है। इससे उम्मीद है कि बिक्री में इजाफा होगा। आईओसी की बाजार हिस्सेदारी जरूर बढ़ी है, लेकिन ब्रांडेड ईंधन की कुल बिक्री का प्रतिशत कम हुआ है।
चालू वित्त वर्ष में ब्रांडेड पेट्रोल की बिक्री में जहां 5 फीसदी की गिरावट आई है, वहीं डीजल की बिक्री करीब 13 फीसदी घटी है। यही नहीं, सामान्य ईंधन की बिक्री में भी सुस्ती देखी जा रही है, लेकिन अब भी इसकी बिक्री 8-9 फीसदी की दर से बढ़ रही है।
