22 सितंबर 2025 से लागू होने वाले GST 2.0 सुधारों के तहत अधिकांश उत्पादों पर लगने वाला कॉम्पेंसेशन सेस हटा दिया जाएगा। इसमें कुछ चीजें जैसे तंबाकू और गुटखा शामिल नहीं हैं। इसका असर उन GST डीलर्स पर पड़ेगा जिन्होंने अब तक यह सेस चुका रखा है। उदाहरण के लिए, मोटर व्हीकल पर अभी 28% GST के अलावा 15% कॉम्पेंसेशन सेस लगता है। डीलर्स ने यह पहले ही चुका दिया है। लेकिन 22 सितंबर के बाद नई GST दर 40% लागू होगी और उनके क्रेडिट लेजर में मौजूद कॉम्पेंसेशन सेस का क्रेडिट अब GST में इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। इससे डीलर्स को बड़ा नुकसान हो सकता है।
पूर्व ICAI अध्यक्ष वेद जैन के अनुसार, इस समस्या का समाधान यह है कि डीलर्स को उनके इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में मौजूद कॉम्पेंसेशन सेस क्रेडिट को CGST अकाउंट में ट्रांसफर करने की अनुमति दी जाए। इसके लिए डीलर्स को एक निर्धारित फॉर्म या रिटर्न दाखिल करना होगा, जिसमें उनके पास उपलब्ध क्रेडिट की जानकारी होगी। इस प्रक्रिया के बाद उनके क्रेडिट को CGST लेजर में ट्रांसफर किया जाएगा।
वेद जैन का सुझाव है कि ट्रांसफर किए गए क्रेडिट का इस्तेमाल डीलर्स अपनी आने वाली CGST देयता (liability) चुकाने में कर सकें। नया GST 40% (20% CGST + 20% SGST) लागू होगा, लेकिन ट्रांसफर किए गए क्रेडिट का इस्तेमाल केवल 20% CGST के लिए किया जा सकेगा। इससे डीलर्स को उनका पहले से दिया हुआ क्रेडिट सुरक्षित रहेगा और उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा।
जैन के अनुसार, इस क्रेडिट ट्रांसफर से केंद्रीय सरकार को भी कोई नुकसान नहीं होगा। सरकार अतिरिक्त राशि को तंबाकू और गुटखा जैसी वस्तुओं पर सेस जारी रखकर वसूल सकती है। इस तरह डीलर्स का क्रेडिट सुरक्षित रहेगा, सरकारी राजस्व प्रभावित नहीं होगा और पूरी प्रोसेस पारदर्शी और न्यायसंगत होगी।