प्रतीकात्मक तस्वीर
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) ने बुधवार को उम्मीद से अधिक यील्ड के मद्देनजर अपने पांच वर्षीय बॉन्ड लाने की योजना को टाल दी। बाजार के सहभागियों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि कंपनी को नीतिगत दरों की घोषणा वाले दिन कम समय के बॉन्ड में शुरुआती तेजी के बाद यील्ड की स्तर कम होने की उम्मीद थी।
सरकारी बैंक के एक डीलर ने बताया, ‘उन्हें अच्छी दर मिल रही थी मगर फिर भी उन्होंने इसे टालने का फैसला किया है। शायद वह उनके उम्मीदों के अनुरूप नहीं हो, जो एक कारण हो सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘बॉन्ड लाने की योजना को टालने का इसके अलावा और कोई कारण नहीं हो सकता है।’
बाजार सहभागियों ने कहा कि आईओसीएल के पास 9,800 करोड़ रुपये की कुल बोली में से 6.51 फीसदी की यील्ड पर 3,000 करोड़ रुपये रखने का विकल्प था। कंपनी एक साल पहले के मुकाबले संबंधित सरकारी प्रतिभूतियों से करीब 50 आधार अंक अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण को आकर्षित करने में सफल रही।
रॉकफोर्ट फिनकैप एलएलपी के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन ने कहा, ‘नीतिगत दरों की घोषणा के बाद आईओसीएल संभवतः बेहतर स्तरों की उम्मीद कर रही थी. खासकर उस दिन की शुरुआती तेजी के बाद। मगर इसके तुरंत बाद यील्ड की दिशा बदल गई। बावजूद इसके वे आकर्षक मूल्य निर्धारण हासिल करने में सफल रहे, जो एक साल पहले के मुकाबले सरकारी प्रतिभूतियों पर करीब 50 आधार अंक।’