टाटा स्टील के सितंबर तिमाही के नतीजे शुक्रवार शाम घोषित हुए जो बाजार की अवधारणा की मजबूती के लिहाज से दो सकारात्मक चीजें मुहैया करा रहा है। स्टील की बढ़ती मांग व बिक्री कीमत में इजाफे के माहौल में न सिर्फ टाटा स्टील का भारतीय कारोबार काफी ज्यादा सुधरा और अनुमान को पीछे छोड़ दिया बल्कि प्रति टन लाभ के मामले में कंपनी ज्यादातर समकक्ष फर्मों से आगे निकल गई। यूरोपीय कारोबार के पुनर्गठन के लिए स्वीडन की एसएसएबी के साथ बातचीत की शुरुआत की कंपनी की घोषणा भी सकारात्मक है क्योंकि कामयाब सौदे से यूरोपीय कारोबार के कमजोर परिदृश्श्य की चिंता कम होगी और टाटा स्टील के कर्ज में भी कटौती होगी। टाटा स्टील का जीडीआर लंदन स्टॉक एक्सचेंज में शुक्रवार के नतीजे के बाद से करीब 6 फीसदी चढ़ा है। भारत में इसका शेयर नतीजे से पहले करीब 3 फीसदी चढ़ा था और शनिवार को मुहुर्त कारोबार में भी इस शेयर में 1.15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
एकीकृत भारतीय परिचालन के फायदे से टाटा स्टील का एकल एबिटा जून तिमाही के मुकाबले तीन गुने से ज्यादा उछला और सालाना आधार पर 41 फीसदी बढ़ गया। प्रति टन एबिटा 13,127 रुपये न सिर्फ पहली तिमाही के 6,100 रुपये के मुकाबले दोगुने से ज्यादा है बल्कि एक साल पहले की समान अवधि के 11,200 रुपये के मुकाबले भी 17 फीसदी ज्यादा है।
उल्लेखनीय है कि जेएसडब्ल्यू स्टील का देसी परिचालन का एबिटा 10,136 रुपये प्रति टन रहा था, वहीं सेल का समायोजित एबिटा प्रति टन 4,762 रुपये था। सिर्फ जिंदल स्टील ऐंड पावर को विस्तार व शारदा खदान से लौह अयस्क की आपूर्ति का फायदा मिला, जिसके कारण उसका एबिटा 13,247 रुपये रहा।
टाटा स्टील इसके अलावा अधिग्रहीत कंपनी मसलन टाटा स्टील बीएसएल और टाटा स्टील लॉन्ग प्रॉडक्ट्स में भी सुधार कर रही है, जिनका एबिटा दूसरी तिमाही में क्रमश: 8,735 रुपये व 10,512 रुपये प्रति टन रहा, जो एक साल पहले की समान तिमाही के 5,062 रुपये व परिचालन नुकसान के मुकाबले बेहतर है। इसके अलावा लागत घटाने व दक्षता मेंं सुधार का काम जारी है, जिनसे परिचालन लाभ में मजबूती आएगी।
कंपनी पहले ही भारतीय परिचालन की तिमाही डिलिवरी में क्रमिक आधार पर 72 फीसदी व सालाना आधार पर 22 फीसदी की बढ़त दर्ज कर चुकी है औ्र यह 50.5 लाख टन पर पहुंच गई। इस बीच, देसी स्टील का उपभोग लगातार बढ़ रहा है और दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर स्टील का उपभोग 10.1 फीसदी घटकर 23.6 एमटी पर आने के बावजूद अगस्त में शुरू हुई रिकवरी से सितंबर में स्टील का उपभोग वित्त वर्ष 20 के मासिक औसत के 96 फीसदी को छू गया। बढ़ती मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्टील की मजबूत कीमतों से देसी बिक्री मूल्य सुधर रहा है और अभी दिसंबर 2018 के बाद के सर्वोच्च स्तर पर है। यह कहना है विश्लेषकों का।
बिक्री मूल्य ज्यादा रहने और वॉल्यूम से टाटा स्टील का एकल राजस्व क्रमिक आधार पर 75 फीसदी और सालाना आधार पर 10 फीसदी बढ़कर दूसरी तिमाही में 16,362 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी का शुद्ध लाभ क्रमिक आधार पर दोगुना होकर 2,205 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, लेकिन यह एक साल पहले की समान तिमाही के 4,043 करोड़ रुपये के मुकाबले कम है, जब 4,050 करोड़ रुपये का कर लाभ मिला था।
एकीकृत प्रदर्शन हालांकि मजबूत रहा और समायोजित एबिटा क्रमिक आधार पर 5 गुना बढ़कर 5,425 करोड़ रुपये पर पहुंच गया और इसने अनुमान को पीछे छोड़ दिया। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों ने इसके 4,819 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया था। 37,154 करोड़ रुपये की बिक्री और 1,635 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ भी अनुमान से ज्यादा रहा।
