वैश्विक फंड समूह एडीबी, विश्व बैंक की आईएफसी और जर्मनी की डीईजी ने हैदराबाद के ग्रीन एनर्जी प्लेटफॉर्म फोर्थ पार्टनर एनर्जी (4पीई) में संयुक्त रूप से 27.5 करोड़ डॉलर (करीब 20 लाख करोड़ रुपये) का इक्विटी निवेश किया है। यह भारतीय अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में उनका सबसे बड़ा निवेश है। इस निवेश से मौजूदा नॉरफंड और टीपीजी ग्लोबल के साथ नए निवेशकों के पास 4पीई में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी हो गई है और शेष हिस्सेदारी दो संस्थापकों के पास है।
इस कुल निवेश में आईएफसी ने 12.5 करोड़ डॉलर के साथ सबसे ज्यादा निवेश किया है। इसके बाद 10 करोड़ डॉलर के साथ एडीबी और पांच करोड़ डॉलर के साथ डीईजी का स्थान आता है। इस कंपनी के सबसे पहले निवेशकों में शामिल रही टीपीजी ग्लोबल ने आंशिक निकासी की है। 4पीई के अधिकारियों ने इसके संकेत दिए हैं। हालांकि कितनी हिस्सेदारी की बिक्री की, इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
विवेक सुब्रमण्यम और सैफ धोराजीवाला ने एक तीसरे संस्थापक के साथ मिलकर वाणिज्यिक और औद्योगिक (सीऐंडआई) उपभोक्ताओं के लिए ग्रीन ऊर्जा समाधान प्रदाता के रूप में साल 2010 में 4पीई की स्थापना की थी। कंपनी वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को उनकी हरित ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए अनुकूल समाधान प्रदान करती है, जिनमें रूफटॉप सोलर, ओपन एक्सेस ग्रीन एनर्जी, चौबीसों घंटे हरित ऊर्जा और हाइब्रिड (सौर ऊर्जा, पवन ऊजा और ऊर्जा भंडार) शामिल हैं।
दिल्ली में इस सौदे का ऐलान करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि उनका 1.5 गीगावॉट का पोर्टफोलियो है और वे साल 2026-27 तक 3.5 गीगावॉट क्षमता का लक्ष्य बना रहे हैं। उन्होंने कहा ‘हालांकि सभी निवेशकों के पास 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है। लेकिन किसी के पास नियंत्रक हिस्सेदारी नहीं है। लेकिन इन बड़े फंड समूहों की निवेश रणनीति और फंडिंग योजनाओं की विविधता हमारी विकास योजनाओं को मजबूत करेगी।