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भारत में 42 साल बाद फिर होगी IATA की सालाना बैठक, Indigo के CEO ने कहा- मेजबान बनने पर गर्व

81st International Air Transport Association AGM: वैश्विक हवाई यातायात में 80 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी वाली करीब 330 विमानन कंपनियां IATA की सदस्य हैं।

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दीपक पटेल   
Last Updated- June 03, 2024 | 9:29 PM IST

81st IATA AGM: भारत अगले साल इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) की सालाना आम बैठक की मेजबानी करेगा। यह विमानन क्षेत्र में दुनिया का एक प्रमुख कार्यक्रम है और भारत में इसका आयोजन 42 साल बाद हो रहा है।

दुनिया की लगभग सभी विमानन कंपनियों, विमान विनिर्माताओं और इस उद्योग से जुड़ी दूसरी संस्थाओं के प्रमुख और शीर्ष अधिकारी वैश्विक विमानन क्षेत्र पर चर्चा करने के लिए IATA की सालाना आम बैठक में जुटते हैं। यह विमानन उद्योग के सबसे महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों में गिना जाता है।

IATA ने आज एक घोषणा में कहा कि बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो 8 से 10 जून, 2025 तक दिल्ली में आयोजित होने वाली इस बैठक और वर्ल्ड एयर ट्रांसपोर्ट समिट की मेजबान होगी। वैश्विक हवाई यातायात में 80 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी वाली करीब 330 विमानन कंपनियां IATA की सदस्य हैं।

IATA के महानिदेशक विली वाल्श ने कहा, ‘हम 2025 में IATA की 81वीं वा​र्षिक आम बैठक के लिए समूचे उद्योग को दिल्ली में जुटाने के लिए तैयार हैं। दिल्ली में IATA की वा​र्षिक आम बैठक हुए चार दशक से ज्यादा बीत चुके हैं।’

उन्होंने कहा, ‘विमानों के रिकॉर्ड ऑर्डर, प्रभावशाली वृद्धि और विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ भारत इस दशक में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बनने जा रहा है। ऐसी उज्ज्वल संभावनाओं के बीच IATA की वा​र्षिक आम बैठक के लिए भारत आने और यहां के विकास को देखने के लिए यह बिल्कुल सही समय है।’

Indigo के CEO पीटर एल्बर्स ने कहा, ‘हमें IATA की 81वीं वा​र्षिक आम बैठक का मेजबान बनने पर गर्व है। हम 2025 में दिल्ली में वैश्विक विमानन बिरादरी का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत अगले कुछ वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करते हुए यह देश चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। पिछले कुछ साल में वैश्विक विमानन क्षेत्र में भारत का उदय उल्लेखनीय रहा है।’

IATA की 81वीं वा​र्षिक आम बैठक भारत में कराने का फैसला दुबई में चल रही 80वीं बैठक में लिया गया। दिल्ली में यह बैठक तीसरी बार आयोजित की जाएगी। इससे पहले 1958 और 1983 में यह कार्यक्रम भारत में हुआ था।

केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए यह गर्व का क्षण है क्योंकि यह 81वीं वार्षिक आम बैठक की मेजबानी करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस क्षेत्र ने रिकॉर्ड यात्री संख्या, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे का विकास, क्षेत्रीय संपर्क में वृद्धि और ऐतिहासिक विमान ऑर्डर के साथ शानदार विकास किया है।

भारतीय विमानन कंपनियों ने देश के हवाई यात्रा बाजार की बढ़ती मांग पूरी करने के लिए पिछले साल से अब तक विमानों के चार बड़े ऑर्डर दिए हैं। टाटा द्वारा संचालित एयर इंडिया समूह ने फरवरी 2023 में 470 विमानों का ऑर्डर दिया था, जिसमें 250 विमान एयरबस और 220 विमान बोइंग से आने हैं। इंडिगो ने जून 2023 में एयरबस के साथ 500 A320नियो (A320neo) विमानों का सौदा किया, जो दुनिया का सबसे बड़ा विमान ऑर्डर है।

नई विमानन कंपनी आकासा एयर (Akasa Air) ने बोइंग को 150 बी737 मैक्स (B737 Max) विमानों का ऑर्डर दिया। पिछले महीने इंडिगो ने एयरबस को चौड़ी बॉडी वाले 30 A350-900 विमानों का ऑर्डर दिया, जो करीब 4 से 5 अरब डॉलर का है। Indigo कथित तौर पर 100 टर्बोप्रॉप विमानों (turboprop aircraft) का ऑर्डर देने के लिए ATR के साथ भी चर्चा कर रही है।

एयरबस (Airbus) में भारत और दक्षिण एशिया के कंज्यूमर अकाउंट्स के हेड एडवर्ड डेलहाये (Edward Delahaye) ने फरवरी में कहा था कि भारत अगले 15 वर्षों में विश्व विमानन का केंद्र बन जाएगा क्योंकि देश के विमानन बाजार में मांग, क्षमता और पेशेवर रूप से संचालित एयरलाइंस मौजूद हैं।

First Published : June 3, 2024 | 9:29 PM IST