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IATA summit: विदेशी विमानन कंपनियों की टैक्स संबंधी चुनौतियों को हल करे भारत- वॉश

वॉश ने कहा कि यह अच्छा है या बुरा है यह पता नहीं है मगर भारत की कर प्रणाली काफी जटिल है।

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दीपक पटेल   
Last Updated- June 03, 2025 | 10:49 PM IST

इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) महानिदेशक विली वॉश ने आज कहा कि अगर भारत को अपनी विमानन क्षेत्र की क्षमता को पूरी तरह भुनाना है तो उसे विदेशी विमानन कंपनियों के समक्ष आने वाली हालिया कर संबंधी चुनौतियों का समाधान करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारत को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि उसका कर कानून कैसे लागू होता है।

पिछले साल अगस्त में वस्तु एवं सेवा कर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने एमिरेट्स, ब्रिटिश एयरवेज, लुफ्थांसा, सिंगापुर एयरलाइंस और कतर एयरवेज सहित 10 विदेशी विमानन कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसमें करीब 10,000 करोड़ रुपये का वस्तु एवं सेवा कर नहीं चुकाने की बात कही गई थी।

डीजीजीआई का दावा था कि इन विमानन कंपनियों के विदेशी मुख्यालयों को विमान के रखरखाव, चालक दल के वेतन और किराये जैसी सेवाएं रिवर्स चार्ज प्रणाली के तहत उनकी भारतीय इकाईयों को कर योग्य आपूर्ति का गठन करती है। जांच अगस्त 2023 में शुरू की गई थी और इन विमानन कंपनियों की भारतीय इकाई के अधिकारियों को दिसंबर और जनवरी में इन लेनदेन और उनके कर उपचार को समझाने के लिए बुलाया गया था।

दिल्ली में आईएटीए की सालाना आम बैठक के दौरान आयोजित संवाददाता सम्मेलन में वॉल्श ने कहा, ‘जब भी हम भारत के बारे में बात करते हैं तो कराधान हमेशा एजेंडे में शामिल रहने वाला मुद्दा होता है और खासकर उन कंपनियों के लिए जो यहां काम करती हैं।’ उन्होंने कहा कि यह अच्छा है या बुरा है यह पता नहीं है मगर भारत की कर प्रणाली काफी जटिल है। चूंकि यह लंबे अरसे से जारी है इसलिए यह हमारे उद्योग के लिए एक तरह से ‘विशेषता’ बन गई है और हमारे लिए यह कोई नया मुद्दा नहीं है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समस्या कराधान के अस्तित्व को लेकर नहीं है, बल्कि इसकी व्याख्या और क्रियान्वयन के तरीके के बारे में अनिश्चितता की है। उन्होंने कहा, ‘देश को पूरी क्षमता का उपयोग करने और इस दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदलने के लिए कराधान के मुद्दों का समाधान करना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको कराधान को खत्म करना होगा, लेकिन मुझे लगता है कि आपको इस बारे में स्पष्ट समझ होनी चाहिए कि कराधान नियम कैसे लागू होते हैं।’

वॉल्श ने कहा, ‘विमानन कंपनियों को कभी-कभी मौजूदा नियम की एक नई व्याख्या मिलती है जो पहले की व्याख्या से पूरी तरह अलग होती है। ऐसी स्थिति में करों के लिए दावा किया जाता है जो भुगतान नहीं किया गया है और यह लंबे समय तक कानूनी विवाद और चर्चाओं की ओर ले जाता है जो अंततः हल हो जाती है। कई मामलों में यह एयरलाइन के पक्ष में जाता है।’

First Published : June 3, 2025 | 10:15 PM IST