हीरानंदानी समूह ने ऑनलाइन अर्थव्यवस्था में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए एक डिजिटल प्रौद्योगिकी उद्यम की स्थापना की है। समूह की इकाई योटा इन्फ्रास्ट्रक्चर ने आज मुंबई में अपना पहला हाइपर-स्केल डेटा सेंटर खोला।
चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि 1,000 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित यह केंद्र देश भर में परिचालन शुरू करने संबंधी योजना का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘इस वैश्विक महामारी के दौरान आत्मनिर्भरता कंपनियों के लिए एक नई वास्तविकता बनकर उभरी है। इसलिए वैश्विक एवं घरेलू कंपनियों के बीच निर्भरता पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है।’
डेटा भंडारण के लिए आत्मनिर्भरता एक अच्छा कारोबार साबित कर सकती है। अ मिलियन इनसाइट्स की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक डेटा केंद्र नेटवर्किंग बाजार का आकार 2025 तक बढ़कर 41 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। वर्ष 2019 से 2025 के दौरान इसमें 11 फीसदी सीएजीआर से वृद्धि होने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न उद्योगों में मौजूद अव्यवस्थित डेटा से वृद्धि को रफ्तार मिलेगी। इसके अलावा क्लाउड कंप्यूटिंग के बढ़ते उपयोग और एडवास्ड डेटा सेंटर के साथ परिचालन मॉडल का चलन बढऩे से भी डेटा नेटवर्किंग बाजार में तेजी आएगी।
हीरानंदानी समूह का यह केंद्र मुंबई के पवई में 20 एकड़ भूमि पर फैला है। उन्होंने कहा, ‘अगले कुछ वर्षों के दौरान डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए हमने 3,500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। हम दिल्ली, बेंगलूरु, हैदराबाद और कोलकाता के अलावा एपीएसी/पश्चिम एशिया के उभरते बाजारों में अवसर तलाशेंगे।’
गार्टनर के वरिष्ठ निदेशक नवीन मिश्रा ने कहा, ‘इस कारोबार के लिए वृद्धि का अनुमान 3 से 5 वर्षों में 35 फीसदी सीएजीआर के दायरे में है।’ उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण क्लाउड और डिजिटल प्रौद्योगिकी की उपयोगिता बढ़ी है जिसमें हाइपर-स्केलरों को काफी फायदा होगा क्योंकि आईटी खर्च में गिरावट आ रही है लेकिन क्लाउड कारोबार में दो अंकों की वृद्धि जारी रहेगी।’ हाइपर-स्केल डेटा सेंटर कारोबार में मौजूदा कंपनियों में गूगल और एमेजॉन जैसी प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों ने सामान्य कंपनियों के मुकाबले बड़े पैमाने पर डेटा भंडारण के लिए डेटा सेंटर स्थापित किए हैं।
ग्रांट थॉर्टन इंडिया के पार्टनर राजा लाहिड़ी ने कहा, ‘चूंकि अर्थव्यवस्था ज्यादा से ज्यादा डिजिटल हो गई है। ऐसे में डेटा भंडारण में व्यापक अवसर दिखेंगे।’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कई कंपनियों मौजूद हैं जैसे कंट्रोलएस, नेक्स्टजेन और एनटीटी जो स्वतंत्र हैं और विशेषीकृत डेटा सेंटर फर्म हैं।
हीरानंदानी का नया उद्यम सही वक्त पर आया है लेकिन उसे अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और देसी दिग्गजों जैसे अदाणी समूह से तगड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।