आदित्य बिड़ला समूह की एल्युमीनियम कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज ने पूंजीगत खर्च की योजना में संशोधन किया है और अब अगले पांच साल में 8 अरब डॉलर के बजाय 4.5 अरब डॉलर खर्च किए जाएंगे। एक साल पहले कंपनी ने 8 अरब डॉलर के पूंजीगत खर्च की घोषणा की थी। इस तरह से अहम भारतीय फर्म की तरफ से विदेश में पूंजीगत खर्च में कमी का पहला फैसला है।
मंगलवार को निवेशकों के कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए हिंडाल्को के प्रबंधन ने कहा कि अमेरिकी सहायक नोवेलिस में मार्जिन पर अवरोध थोड़े समय के लिए है और वृद्धि के अनुमान टाले गए हैं न कि रद्द किए गए हैं। कोटक इंस्टिट्यूशनल सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है, हम पूंजीगत खर्च में कटौती को परिचालन में नकदी प्रवाह को लेकर कम भरोसे का संकेत मानते हैं।
हिंडाल्को ने कहा कि वह अगले पांच साल में नोवेलिस पर 3.3 अरब डॉलर खर्च करेगी और ग्रीनफील्ड रोलिंग क्षमता, अवरोध को दूर करने और रीसाइक्लिंग यूनिट लगाने पर ध्यान देगी। यह निवेश नकदी प्रवाह पर निर्भर करेगा, न कि नए कर्ज पर। कंपनी ने अधिकारी ने ये बातें कही।
विदेशी पूंजीगत खर्च का बड़ा हिस्सा 2.5 अरब डॉलर अमेरिका में ग्रीनफील्ड मिल पर लगाया जाएगा, जो अभी क्रियान्वयन के अधीन है। हिंडाल्को ने चीन में अपने कोल्ड मिल, कोल्ड लूप्ड रीसाइक्लिंग निवेश में देर करने का फैसला लिया है क्योंकि वह अपनी बैलेंस शीट का प्रबंधन और चीन में मांग सुधरने का इंतजार करना चाहती है।
नोवेलिस ने 1.6 अरब डॉलर की परियोजना टाल दी है, जिसमें ब्राजील, यूरोप में रोलिंग क्षमता और चीन में डाउनस्ट्रीम क्षमता शामिल है।
भारत में हिंडाल्को 2.32 अरब डॉलर की निवेश योजना के साथ डाउनस्ट्रीम एल्युमीनियम क्षमता पर ध्यान बनाए रखेगी, वहीं क्रियान्वयन के दायरे वाली 1.3 अरब डॉलर की परियोजना, कुछ अपस्ट्रीम क्षमता को अभी टाल दिया गया है।
हिंडाल्को के अधिकारियों ने निवेशकों से कहा कि बाजार में अल्पावधि के अवरोध नोवेलिस के मार्जिन पर असर जारी रखेंगे और उसे लगता है कि वित्त वर्ष 24 के आखिर में स्थिति सामान्य होगी। मैक्वेरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंडाल्को के प्रबंधन ने नोवेलिस की तरफ से वित्त वर्ष 23 में 40 करोड़ डॉलर के मुक्त नकदी प्रवाह का लक्ष्य दोहराया है और कहा है कि भविष्य में पूंजीगत खर्च में संशोधन नकदी प्रवाह से मेल के लिए किया जाएगा और इसकी फंडिंग डेट से नहीं होगी।
अमेरिका में कंपनी की योजना एल्युमीनियम केन सेगमेंट की डीस्टॉकिंग की है क्योंकि महामारी के बाद मांग में कमजोरी उपभोक्ताओं के उपभोग बदलते पैटर्न से जुड़ी है। अमेरिका में केन में बेवरिजेज की बिक्री धीमी हुई है क्योंकि उपभोक्ताओं ने घरों में केन वाले बेवरिजेज की स्टॉकिंग बंद कर दी है।
कंपनी ने लागत में बढ़ोतरी की बात कही है, जिसमें यूरोपीय ऊर्जा कीमत में बढ़ोतरी शामिल है, जो 2023 में जारी रह सकती है।
हिंडाल्को का शेयर बुधवार को बीएसई में 403.35 रुपये पर स्थिर बंद हुआ।