जापान की दुपहिया वाहन निर्माता कंपनी होंडा और उसकी भारतीय सहयोगी कंपनी हीरो समूह अपने उत्पादों में नई तकनीक को बढ़ावा देकर अपनी 25 साल पुरानी प्रतिबद्धता को और मजबूत करने की पहल में जुटी है।
देश की सबसे बड़ी दुपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी हीरो होंडा के अधिकारियों के मुताबिक, दोनों कंपनियां मोटरसाइकिल और ऑटोमैटिक स्कूटर बेचती हैं। हालांकि इसमें कुछ हद तक कमी जरूर आई है। इसीलिए दोनों कंपनियां नए उत्पादों की इंजन, डिजाइन प्रारूप और व्हीकल प्लेटफॉर्म को साथ-साथ इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है।
हीरो होंडा मोटर्स को डिजाइन और स्टाइलिंग के क्षेत्र में देश की चौथी सबसे बड़ी दुपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी होंडा मोटरसाइकिल और स्कूटर इंडिया मदद करती है। एचएमएसआई की अध्यक्ष और सीईओ शिंजी अयोमा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हीरो होंडा के साथ सकारात्मक सहयोग से हम काफी खुश हैं। हमलोगों ने उनकी नई बाइक सीबीजेड और हंक के बेसिक व्हीकल डिजाइन में मदद की थी। हमलोग आगे भी इसको जारी रखना चाहते हैं, लेकिन इसके बारे में कुछ सटीक कह पाना अभी संभव नहीं है।’
अभी एचएमएसआई और एचएचएमएल उत्पादन क्षमता और आपूर्ति चेन को एचएमएसआई को स्कूटर और एचएचएमएल को मोटरसाइकिल खंड में पूंजी लगाने की बात तय हुई थी। हालांकि जब मोटरसाइकिल का बाजार तेज हुआ और स्कूटर का बाजार धीमा पड़ता गया, तो एचएमएसआई ने भारत में अपनी रणनीति बदल दी।
2004 में यूनीकॉर्न (150 सीसी मॉडल) के लॉन्च के साथ ही एचएमएसआई ने मोटरसाइकिल खंड में दस्तक दी। इसके बाद एचएमएसआई ने 125 सीसी की दो मोटरसाइकिल बाजार में उतारी। कंपनी 100 सीसी मोटरसाइकिल भी लॉन्च करेगी, जिसकी हिस्सेदारी पूरे बाजार में 70 फीसदी है। इस खंड में एक तरह से हीरो होंडा का एकाधिकार है।
इस साल दिसंबर या अगले साल तक यह बाइक लॉन्च की जाएगी। होंडा की संशोधित रणनीति के मुताबिक कंपनी पूरी तरह से अछूते ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी, जबकि होंडा शहरी ग्राहकों के मुताबिक आक्रामक तौर पर स्टाइलिश उत्पाद बाजार में उतारेगी।
मजेदार बात यह है कि दोनों कंपनियों ने पिछले साल घरेलू बाजार में मंदी के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया था, जबकि बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर्स ने इस दौरान अच्छा प्रदर्शन नहीं दुहराया था। एचएमएसआई ने पहली बार घरेलू बाजार में 10 लाख मोटरसाइकिल बेची थी और 16.5 फीसदी का विकास दर्ज किया था। कंपनी का मौजूदा वित्तीय वर्ष में भारतीय बाजार में 12 लाख मोटरसाइकिल बेचने का लक्ष्य है।
