मौजूदा रुझानों से अलग हटते हुए देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी बैंक ने अपना ध्यान अच्छी रेटिंग वाले सेगमेंटों पर केंद्रित किया है, जिसकी वजह से उसके होलसेल से लेकर रिटेल मिश्रण व्यवसाय काफी हद तक थोक बिक्री पर आधारित हो गए हैं, भले ही इससे उसके मार्जिन पर असर पड़ा हो। इसके अलावा बैंक अपने शाखा नेटवर्क में तेजी लाने की भी संभावना तलाश रहा है और मौजूदा 5-6 किलोमीटर के बजाय अब 1-2 किलोमीटर के दायरे में ग्राहक को सेवा मुहैया कराना चाहता है।
वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही के दौरान बैंक ने 563 शाखाएं शामिल कीं, जबकि पूरे वित्त वर्ष 2022 उसने 734 शाखाएं खोलीं, जो प्रति दिन करीब 2 शाखा है। इसके अलावा बैंक संक्षिप्त अवधि में अन्य 150 शाखाएं शामिल करने की संभावना तलाश रहा है।
एचडीएफसी बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने विशेषज्ञों के साथ बातचीत में कहा, ‘कैचमेंट एरिया में शाखा ग्राहक संबंधों का प्रबंधन प्रभावी तरीके से कर सकती है।’ चौथी तिमाही के दौरान, एचडीएफसी बैंक ने 7,167 कर्मचारी को अपने साथ जोड़ा और पूरे वर्ष के लिए यह आंकड़ा 21,486 था, जो सर्वाधिक ऊंचा स्तर है। वैद्यनाथन ने कहा, ‘हमारी सामान्य रणनीति है शाखाओं का विस्तार करना, नए देयता संबंधित संबंध स्थापित करना और जमा के नजरिये से शाखाओं की उत्पादकता बढ़ाना।’ एचडीएफसी बैंक डिजिटल बदलाव के मोर्चे पर आगे रहा है और पिछले महीने नियामक द्वारा रोक हटाए जाने के बाद डिजिटल 2.0 प्लान के तहत कई उत्पाद और सेवाएं पेश करने को तैयार है।
थोक बिक्री में बदलाव
रिटेल और नॉन-रिटेल के बीच 55:45 प्रतिशत के महामारी पूर्व मिश्रण से एचडीएफसी बैंक की रिटेल ऋण भागीदारी 31 मार्च, 2022 को घटकर 39 प्रतिशत रह गई। शेष 61 प्रतिशत में से 26 प्रतिशत कॉरपोरेट ऋण और 35 प्रतिशत वाणिज्यिक और ग्रामीण बैंकिंग है। वैद्यनाथन ने कहा, ‘कोविड के दौरान हमारी परिसंपत्ति मिश्रण ऊंचे रेटिंग वाले सेगमेंटों के प्रति स्थानांतरित हुआ है, जिसकी वजह से शुद्घ ब्याज आय (एनआईआई) वृद्घि कमजोर हुई है।’
ब्रोकिंग फर्म प्रभुदास लीलाधर ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘एचडीएफसी बैंक की ऋण वृद्घि हाल में मुख्य तौर पर थोक बिक्री और सीआरबी पर केंद्रित रही है, क्योंकि ऋण मानक कोविड की वजह से रिटेल में सख्त हो गए थे। इसका मार्जिन पर प्रभाव पड़ा।’ जनवरी-मार्च तिमाही में, बैंक की अग्रिमें तिमाही आधार पर 8.6 प्रतिशत तक और सालाना आधार पर 20.8 प्रतिशत बढ़ीं। हालांकि खुदरा सेगमेंट मेें तिमाही आधार पर 5 प्रतिशत और सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की गई।
मार्जिन दबाव
एचडीएफसी बैंक का शुद्घ लाभ 31 मार्च, 2022 में समाप्त तीन महीने की अवधि में सालाना आधार पर 23 प्रतिशत बढ़कर 10,055.18 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो विश्लेषकों के अनुमान से कम है। विश्लेषक अग्रिमों में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की वृद्घि के बावजूद शुद्घ ब्याज आय में 10.2 प्रतिशत वृद्घि से उत्साहित नहीं थे। इसके अलावा, ऋणदाता का शुद्घ ब्याज मार्जिन (एनआईएम) 4 प्रतिशत पर दर्ज किया गया, जो तिमाही आधार पर 10 आधार अंक की गिरावट है, जो शायद कई तिमाहियों में बैंक द्वारा दर्ज किया गया सबसे कम मार्जिन है।
इक्रा में फाइनैंशियल सर्विसेज रेटिंग के उपाध्यक्ष एवं सेक्टर हेड अनिल गुप्ता ने कहा, ‘एनआईएम न सिर्फ मुनाफे का एकमात्र संकेतक है क्योंकि रिटेल सेगमेंट में अक्सर एनआईएम ऊंची परिचालन और ऋण लागत के साथ बढ़ भी सकता है। यदि आप कॉरपोरेट संदर्भ में कम मार्जिन पर व्यवसाय कर रहे हैं जो ऊंची रेटिंग वाला है तो परिचालन लागत और ऋण लागत रिटेल व्यवसाय के मुकाबले काफी कम होगी।’