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Go First विमानों को दोबारा नहीं खरीद पा रहे पट्टेदार, AWG ने भारत की रेटिंग घटाकर कर दी ‘निगेटिव’

NCLT द्वारा लीजर्स को Go First से विमानों को वापस लेने से रोक लगाने के बाद AWG ने मई में भारत को अपनी निगरानी सूची (watch list) में रखा था।

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दीपक पटेल   
Last Updated- December 07, 2023 | 9:37 PM IST

विमान मैन्युफैक्चरर्स और पट्टेदारों (लीजर्स) के वैश्विक विमानन समूह एविएशन वर्किंग ग्रुप (AWG) ने गुरुवार को भारत की रेटिंग ‘पॉजिटिव’ से घटाकर ‘निगेटिव’ कर दी। इस ब्लोबल ग्रुप ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि गो फर्स्ट द्वारा दिवालिया याचिका दायर किए 7 महीने से ज्यादा हो गए लेकिन कोई भी पट्टेदार गो फर्स्ट से अपने विमान वापस नहीं ले पाए हैं।

लीजिंग की लागत भारतीय एयरलाइंस के लिए एक प्रमुख खर्च है। AWG के डाउनग्रेड के साथ, यह संभव है कि लीजर्स भारतीय कैरियर्स के लिए एयरक्रॉफिट लीजिंग की दरों में बढ़ोतरी करेंगे।

नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा लीजर्स को गो फर्स्ट से विमानों को वापस लेने से रोक लगाने के बाद AWG ने मई में भारत को अपनी निगरानी सूची (watch list) में रखा था। हालांकि, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने 3 अक्टूबर को एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए सभी विमान और इंजन से संबंधित लेनदेन को दिवाला और दिवालियापन संहिता (Insolvency and Bankruptcy Code) से छूट दे दी और इसके बाद AWG ने भारत ‘पॉजिटिव’ कैटेगरी में अपग्रेड कर दिया।

इसके बाद, डॉयरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि MCA नोटिफिकेशन पहले से (retrospectively) लागू की जा सकती है। AWG ने 6 दिसंबर, 2023 को अपने लेटेस्ट नोटिस में कहा, ‘हालांकि, अप्लीकेशन रद्द करने के आवेदनों के संबंध में राहत की मांग करने वाले लीजर्स की मुख्य रिट याचिकाओं (writ petitions) पर हाईकोर्ट में सुनवाई बिना किसी न्यायिक कार्रवाई के जारी रहेगी। इसके बाद भारत को फिर से ‘निगेटिव’ कर दिया गया।

AWG ने कहा, ‘यह डाउनग्रेड जरूरी है क्योंकि CTC (केप टाउन कन्वेंशन) प्रधानता में अंतराल, विशेष रूप से दिवालियापन कानून के संबंध में, भारत द्वारा महत्वपूर्ण गैर-अनुपालन (non-compliance) के परिणामस्वरूप हुआ है, जिससे भरोसेमंद लेनदारों (lessors) को काफी नुकसान हुआ है।’

भारत ने 2008 में CTC पर हस्ताक्षर किए, जो एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। यह पट्टेदारों को विमानों को दोबारा हासिल करने और उनके जोखिमों को कम करने के लिए समयबद्ध (time-bound) उपाय प्रदान करती है। कर्जदाता भारत से इस संधि को लागू करने के लिए एक संसदीय विधेयक पारित करने का आग्रह कर रहे हैं, जो दिवाला कानूनों पर CTC को प्राथमिकता देगा। MCA नोटिफिकेशन के साथ, भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर संधि को अपना लिया है।

Go First एयरलाइन द्वारा 3 मई से उड़ानों का संचालन बंद करने के बाद, इसके पट्टादाताओं ने एयरलाइन के 54 में से 40 से अधिक विमानों को वापस लेने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के पास आवेदन किया था। हालांकि, NCLT ने 10 मई को गो फर्स्ट की सभी संपत्तियों पर रोक लगा दी, और पट्टादाताओं को अपने विमान वापस लेने से रोक दिया। Go First के कई पट्टादाताओं ने विमानों को दोबारा हासिल करने के लिए हायर ट्रिब्यूनल और अदालतों में अपील दायर की है। रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने हाल ही में बोलियां मंगाई थीं लेकिन किसी ने भी एयरलाइन को खरीदने के लिए बोली नहीं लगाई।

First Published : December 7, 2023 | 3:58 PM IST