रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) अपने नए वाणिज्य उपक्रम जियोमार्ट को मजबूती देने के लिए अधिग्रहण पर खर्च करेगी। कंपनी ने शुक्रवार को निवेशकों को दी जानकारी में यह खुलासा किया। जियोमार्ट आरआईएल के खुदरा कारोबार का एक हिस्सा है।
कंपनी के इस बयान को काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि कोविड-19 के कारण ई-कॉमर्स में आई तेजी को भुनाने के लिए एमेजॉन और फ्लिपकार्ट अपनी रफ्तार बढ़ा रही हैं। एमेजॉन ने भारत में निवेश के लिए 1 अरब डॉलर का अतिरिक्त प्रावधान किया है जबकि फ्लिपकार्ट ने जुलाई में वॉलमार्ट से 1.2 अरब डॉलर जुटाए।
आरआईएल ने अगस्त में ऑनलाइन फार्मेसी नेटमेड्स का अधिग्रहण किया। कंपनी ने कहा है कि वह भविष्य में जियोमार्ट के तहत फैशन, लाइफस्टाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी श्रेणियों के अलावा फार्मेसी चैनल को भी शामिल करेगी।
कंपनी ने अपनी ऑनलाइन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए रिलायंस रिटेल में 2019 से अधिग्रहणों को भी एकीकृत किया है जिनमें ग्रैब (लास्टमाइल लॉजिस्टिक्स), सी-स्क्वायर (एनालिटिक्स ऐंड रिसोर्स प्लानिंग), नाउफ्लोट्स (एसएमई के लिए सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस) और फाइंड (फैशन ई-कॉमर्स) शामिल हैं।
फिलहाल जियोमार्ट की उत्पाद श्रेणियों में खाद्य, शीतल पेय, एफएमसीडी, व्यक्तिगत एवं शिशु देखभाल, फल एवं सब्जियां और डेयरी उत्पाद शामिल हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनी अपनी ऑनलाइन स्थिति मजबूत करने के लिए इन मौजूदा श्रेणियों में प्रमुख कंपनियों को लक्ष्य करेगी। उदाहरण के लिए, जुलाई में रिलायंस रिटेल की इकाई रिलायंस ब्रांड्स ने फैशन स्टार्टअप जिवामे में उद्यमी रॉनी स्क्रूवाला की 15 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। अब वह उस कंपनी में अधिक शेयर हिस्सेदारी खरीदने की संभावनाएं तलाश रही है। इस अधिग्रहण से फैशन में कंपनी को अपने ओमनी चैनल कारोबार को मजबूती देने में मदद मिलेगी।
ऑनलाइन फर्नीचर बिक्री करने वाली फर्म अर्बन लैडर और किराना डिलिवरी फर्म मिल्कबास्केट के संभावित अधिग्रहण के बारे में भी कयास लगाए जा रहे थे लेकिन ये सौदे अब तक नहीं हो पाए हैं। मिल्कबास्केट ने स्पष्ट किया है कि बिक्री की फिलहाल उसकी कोई योजना नहीं है। उसने यह भी कहा है कि रकम जुटाने के लिए वह आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की संभावनाएं तलाश रही है।
विश्लेषकों का कहना है कि छोटी कंपनियों के साथ करार करार अथवा अधिग्रहण करना जियोमार्ट की रणनीति का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा होगा क्योंकि वह ऑनलाइन बाजार में तेजी से अपना कारोबार बढ़ाना चाहती है।
गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जियोमार्ट अपने दमदार निवेश के बल पर अगले कुछ वर्र्षों में भारत के ऑनलाइन किराना बाजार में आधे से अधिक हिस्से पर काबिज होने के लिए तैयार है।
रिलायंस रिटेल आठ दौर के निवेश के तहत 37,710 करोड़ रुपये पहले ही जुटा चुकी है। पिछले दो महीनों के दौरान उसने लगभग 8.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची है। हालांकि कंपनी ने खुदरा कारोबार में अपनी निवेश योजनाओं के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है लेकिन उसने इतना जरूर कहा कि यह जियोमार्ट सहित कारोबार में विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है।
मई में 200 शहरों तक अपनी उपस्थिति बढ़ाने के बाद यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पहले से ही प्रति दिन 4,00,000 से अधिक ऑर्डर हासिल कर रहा है। आरआईएल ने कहा कि उसने अपने इस कार्यक्रम के तहत किराना साझेदारी का विस्तार 20 शहरों तक किया है।
