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विकसित भारत के लिए नए उत्पाद लाएगी जीईसी

गोदरेज ऐंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग के पास मुंबई के वर्ली में 1,000 एकड़ कीमती भूखंड है।

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शार्लीन डिसूजा   
देव चटर्जी   
Last Updated- November 29, 2024 | 7:26 AM IST

इसी साल अप्रैल में सौहार्दपूर्ण पारिवारिक समझौते के बाद गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप (जीईजी) ने गुरुवार को अपने नए ब्रांड लोगो का अनावरण किया। जीईजी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक जमशेद गोदरेज और कार्यकारी निदेशक न्यारिका होल्कर ने जेडन मैथ्यू पॉल, शार्लीन डिसूजा और देव चटर्जी से खास बातचीत में मुंबई में 1,000 एकड़ कीमती भूखंड के विकास, भविष्य की निवेश योजनाओं, ब्रांड में बदलाव की जरूरत आदि तमाम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। मुख्य अंश:

गोदरेज ऐंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग के पास मुंबई के वर्ली में 1,000 एकड़ कीमती भूखंड है। उसके लिए आपकी क्या योजना है?
गोदरेज: पिछले 10 वर्षों से हम धीरे-धीरे अपने कारोबार को मुंबई से बाहर ले जा रहे हैं। हमारे आधे से अधिक कारखाने एक दशक पहले ही शहर से बाहर जा चुके थे। अब बाकी कारखानों को भी शहर से बाहर ले जा रहे हैं। हमारा अप्लायंस कारोबार पुणे और मोहाली में स्थानांतरित हो चुका है। इसी प्रकार भंडारण समाधान कारोबार चेन्नई और ताला कारोबार गोवा स्थानांतरित हो चुका है। हमने फर्नीचर कारोबार को विक्रोली से पनवेल के समीप खालापुर में स्थानांतरित कर दिया है। औद्योगिक कारोबार भी जल्द ही खालापुर में स्थानांतरित हो जाएगा। हम विक्रोली केंद्र को ऑफिस स्पेस और रिहायशी दोनों परिसरों के साथ नए सिरे से विकसित करना चाहते हैं।

पारिवारिक समझौते के तहत आदि गोदरेज परिवार की कंपनी गोदरेज प्रॉपर्टीज विक्रोली में रियल एस्टेट की मार्केटिंग करेगी। ऐसा कैसे होगा?

गोदरेज: गोदरेज प्रॉपर्टीज के साथ हमारी साझेदारी काफी पुरानी रही है। हम निर्माण एवं विकास पर ध्यान देते हैं जबकि ग्रोदरेज प्रॉपर्टीज मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभालती है। इस व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हम जरूरत के मुताबिक ही भूखंडों का विकास करेंगे। हमारे कई पुराने कारखाना परिसरों को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है और अब वहां कई आईटी कंपनियों के दफ्तर खुल चुके हैं। भविष्य में हम उस प्रॉपर्टी के मिश्रित उपयोग के लिए एक योजना तैयार करेंगे।

बेहद सौहार्दपूर्ण तरीके से पारिवारिक समझौता होने पर आप क्या कहेंगे?

गोदरेज: मीडिया में गलत तरीके से कहा जा रहा था कि भूखंड पर विवाद है, मगर वह कभी कोई मुद्दा ही नहीं रहा। दोनों परिवारों में नई पीढ़ी के कारोबार संभालने के साथ ही उसे आगे बढ़ाने के लिए नए-नए विचार भी सामने आए। दोनों पक्षों ने बहुत ही अच्छे तरीके से कारोबार के बंटवारे पर काम किया। बातचीत में समय अधिक जरूर लगा लेकिन सबकुछ बेहद सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया।

गोदरेज ऐंड बॉयस अथवा समूह की किसी अन्य कंपनी को सूचीबद्ध कराने की कोई योजना?

गोदरेज: फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है। मगर अगले कुछ वर्षों में कुछ कारोबार को सूचीबद्ध कराए जाने की संभावना है।

अगस्त 2026 में जीईसी के चेयरमैन के तौर पर न्यारिका के पदभार संभालने के साथ ही शीर्ष प्रबंधन में बदलाव होगा। ऐसे में आपकी नई भूमिका क्या होगी?

होल्कर: मैं समझती हूं कि फिलहाल भारत में कई जबरदस्त अवसर मौजूद हैं और उनमें से कई अवसर दशकों के दौरान तैयार हमारी ताकत के अनुरूप है। विकसित भारत अभियान के तहत सरकार की नीतियों और निवेश को भुनाने के लिए पर्याप्त अवसर मौजूद हैं। उपभोक्ता कारोबार में कोविड के बाद नए अवसर उभर रहे हैं। लोगों की पसंद में बदलाव होने से हमारे उपभोक्ता कारोबार- अप्लायंसेज, फर्नीचर एवं ताला- को डिजाइन एवं इंजीनियरिंग दोनों मामले में अलग तरह के उत्पाद लाने पड़ रहे हैं। इसके लिए हम काफी उत्साहित हैं और व्यापक अनुसंधान के साथ-साथ उपभोक्ताओं की जरूरतों को बारीकी से समझने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रीमियम उत्पादों की ओर लोगों का रुझान बढ़ रहा है। उत्पादों को प्रीमियम बनाने और उपभोक्ताओं को अतिरिक्त सुविधाएं देने के बारे में आपकी क्या योजना है?

होल्कर:  ऐतिहासिक तौर पर हम सस्ते बाजार पर ध्यान देते रहे हैं। वह बाजार हमारे लिए काफी महत्त्वपूर्ण है। मगर हमने अप्लायंस एवं फर्नीचर से लेकर सुरक्षा एवं ताले तक अपने तमाम उत्पादों को
अधिक प्रीमियम भी बना रहे हैं क्योंकि लोगों की ऐसी मांग है। अगर आप छोटे एवं मझोले शहरों पर गौर करेंगे तो वहां का मौजूदा उपभोग पैटर्न महानगरों जैसा ही दिखेगा। ऐसे में हमारे लिए उन ग्राहकों को तलाशना महत्त्वपूर्ण है जो ऐसे उत्पादों की मांग करते हैं।

क्या आसान उपभोक्ता ऋण से अप्लायंसेज उद्योग में बिक्री को रफ्तार मिलती है?

होल्कर: मैं समझती हूं कि इससे निश्चित तौर पर बाजार खुलता है। इससे एकमुश्त भुगतान कोई मायने नहीं रखता और इसलिए यह काफी मायने रखता है। वित्तीय एवं डिजिटल तौर पर समर्थ बनाने के लिहाज से यह देश को आगे बढ़ने में मदद करता है। निश्चित तौर पर इससे हमें भी मदद मिली है।

जीईजी की निवेश योजना क्या है?

गोदरेज: हम लंबे समय से निवेश मोड में हैं और हमने खालापुर में एक नया परिसर तैयार किया है। हमने गुजरात के दहेज में एक प्रॉसेस उपकरण इकाई स्थापित की है। पिछले पांच वर्षों के दौरान हमने करीब 1,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। साथ ही विकास और पूंजीगत खरीद पर सालाना करीब 500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई बदलाव होगा और यदि होगा भी तो समय के साथ इसमें बढ़ोतरी होगी।

First Published : November 29, 2024 | 7:26 AM IST