पन्ना-मुक्ता गैस से गेल कमाएगी सोना

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 5:31 PM IST

एक बड़ी घटना के तहत गेल इंडिया ने आज पन्ना-मुक्ता और ताप्ती (पीएमटी)गैस क्षेत्र से निकलने वाली प्राकृतिक गैस की मार्केटिंग का करार हस्ताक्षर किया।


गेल ने यह करार रिलायंस इंडस्ट्रीज (30 प्रतिशत हिस्सेदारी), ब्रिटेन के बीजी ग्रुप (30 प्रतिशत हिस्सेदारी) और तेल और प्राकृति गैस निगम (ओएनजीसी, 40 प्रतिशत हिस्सेदारी) समूह के साथ गैस क्षेत्र में प्रतिदिन 1 करोड़ 70 लाख मानक घनमीटर निकलने वाली गैस के लिए किया है, जो पश्चिमी तट से दूर पीएमटी गैस क्षेत्र के लिए साझे ऑपरेटर हैं।


इसके बाद कंपनी ने गैस को उपभोक्ताओं को बेचने के लिए भी करार किया, जिसमें रिलायंस भी शामिल है। सरकार द्वारा स्वीकृत प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिटों के लिए लगभग 228 रुपये पर कारोबार किया जाएगा। गेल निदेश (मार्केटिंग), बीसी त्रिपाठी का कहना हे, ‘हमने आज गैस मार्केटिंग का यह करार इस वित्त वर्ष से किया है।’


गेल जो कि 2005 तक पीएमटी गैस के लिए आधिकारिक मार्केटिंग एजेंसी थी, जब पेट्रोलियम मंत्री ने क्षेत्र ऑपरेटरों को अंतरिम अवधि के लिए अधिकार दे दिए थे। साथ ही रिलायंस के साथ उसके पेट्रोकेमिकल संयंत्र के लिए प्रतिदिन 36 लाख मानक घनमीटर गैस की बिक्री का करार भी किया गया था।


लगभग प्रतिदिन 50 लाख मानक घनमीटर गैस की आपूर्ति विद्युत और फर्टीलाइजर संयंत्रों को की जाएगी, जबकि प्रतिदिन 21.3 लाख मानक घनमीटर गैस बीजी की सहायक कंपनी और गुजरात गैस कंपनी लिमिटेड को गुजरात में उसे शहरी गैस वितरण परियोजनों और अन्य उपभोक्ताओं को बेची जाएगी।


इसके अलावा 11 लाख मानक घनमीटर गैस गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (जीएसपीसी) को 15 दिन के लिए गुजरात के छोटे उपभोक्ताओं की जरूरत को पूरा करने के लिए दी जाएगी। इस अवधि के समाप्त होते ही गेल उपभोक्ताओं को गैस आपूर्ति का जिम्मा ले लेगी। करीब प्रतिदिन 50 लाख मानक घनमीटर गैस बिजली और खाद संयंत्रों को मुहैया कराई जाएगी, जबकि प्रतिदिन 20 लाख मानक घनमीटर गैस से गेल इंडिया तरलीकृत प्राकृतिक गैस निकालेगी।


त्रिपाठी का कहना है कि टोरेंट पावर को लगभग प्रतिदिन 9 लाख मानक घनमीटर गैस दी जाएगी, जबकि राज्य विद्युत निगम लिमिटेड को प्रतिदिन 15 लाख मानक घनमीटर गैस मुहैया करवाई जाएगी। इसके अलावा गेल को बची हुई प्रतिदिन 28 लाख घनमीटर गैस मिलेगी, जिससे ईंधन से एलपीजी गैस निकालने का काम किया जाएगा।


प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले निर्देशों, प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर सामान वितरण, मंत्रालय ने दिसंबर 2007 में पीएमटी क्षेत्र से गैस की बिक्री के सभी करारों को खत्म कर दिया और गेल को गुजरात से बाहर ईंधन का इस्तेमाल करने वाले खाद संयंत्रों को बेचने के लिए नामांकित किया।


लेकिन विरोध के बाद, मंत्रालय रिलांयस के पेट्रोकेमिकल संयंत्र द्वारा उपभोग की जाने वाली प्रतिदिन 51 लाख घनमीटर गैस में से प्रतिदिन 36 लाख घनमीटर गैस और बीजी के हिस्से की  प्रतिदिन 30 लाख 5 हजार घनमीटर गैस में से प्रतिदिन 21 लाख 30 हजार घनमीटर को फिर से चालू करने के लिए तैयार हो गया।


प्रधानमंत्री कार्यालय कम होते संसाधनों का वितरण बराबर करना चाहता है और किसी एक राज्य (गुजरात फिलहाल प्राकृति गैस की आपूर्ति का लगभग 42 प्रतिशत हिस्से का उपभोग करता है) तक इसे सीमित नहीं रखना चाहता।


मंत्रालय ने 2005 में पीएमटी के संयुक्त उद्यम को गैस मार्केट करने की आजादी दे दी थी। लेकिन दिसंबर 2007 में पीएमटी गैस की मार्केटिंग को गेल को देने का निर्णय लिया गया।

First Published : April 2, 2008 | 1:13 AM IST