ओयो संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी रितेश अग्रवाल ने कहा है कि उनकी कंपनी के प्रबंधन का मख्य जोर यह सुनिश्चित करना है कि वह कंपनी को आईपीओ के लिए सक्षम बनाए।
कंपनी के बोर्ड में सदस्य टॉई एल्सटीड और ओयो के भारत एवं दक्षिण एशियाई मामलों के मुख्य कार्याधिकारी रोहित कपूर के साथ अनौपचारिक बातचीत में अग्रवाल ने कहा कि उनकी कंपनी परिचालन के लिए करीब 1 अरब डॉलर के नकदी रिजर्व बरकरार रखने के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने कहा, ‘हम बाजार हालात, उपलब्ध अवसर जैसे कई मुद्दों पर विचार करेंगे।’
भारत के अलावा अमेरिका, चीन और जापान जैसे देशों में उपस्थिति वाली सॉफ्टबैंक समर्थित कंपनी कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुई है, क्योंकि आतिथ्य क्षेत्र में मंदी आ गई थी, लेकिन अब यह कोविड-पूर्व स्तरों के 85 प्रतिशत सकल मार्जिन को छूने में कामयाब रहा है। अग्रवाल ने कहा, ‘हम अभी भी ज्यादा अच्छी स्थिति में नहीं हैं, काफी काम किया जाना बाकी है। लेकिन मुझे भरोसा है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’ भारत में, यह व्यवसाय अगस्त के बाद से मासिक आधार पर 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
भविष्य में कंपनी दो प्रमुख व्यवसायों – अपने होटल्स और हॉलिडे होम्स- पर ध्यान बनाए रखेगी। महामारी के बाद, ओयो ने खासकर यूरोप में बड़े होटलों के मुकाबले होलिडे होम्स और छोटे होटलों का चयन करने वाले लोगों की संख्या में इजाफा दर्ज किया है। वह मौजूदा समय में अपने वेकेशन होम बिजनेस के तहत करीब 400,000 कमरों का प्रबंधन करती है।
अप्रैल में वेतन कटौती की घोषणा कर चुकी इस कंपनी ने कहा है कि वह दिसंबर तक सभी वेतन को बहाल कर देगी।
