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महत्त्वपूर्ण खनिजों की पहली नीलामी सुस्त, 37% से भी कम ब्लॉकों के लिए मिले बोलीदाता

एमएसटीसी के आंकड़ों के अनुसार पहले दौर की नीलामी में 38 ब्लॉक में से 7 ब्लॉक - 18 फीसदी के लिए कोई बोलीदाता नहीं मिला। लिहाजा नीलामी निरस्त कर दी गई।

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नितिन कुमार   
Last Updated- September 22, 2024 | 9:34 PM IST

भारत ने बीते साल जून में 29 महत्त्वपूर्ण खनिजों की खोज व खनन पहली बार निजी क्षेत्र के लिए खोला था। इसके बाद महत्त्वपूर्ण खनिज के 38 ब्लॉकों की नीलामी की गई है लेकिन इसमें से केवल 14 ब्लॉक यानी 37 फीसदी से कम को ही बोलीदाता मिले हैं।

पहले दौर की नीलामी न्यूनतम आवश्यक बोलीकर्ताओं को आकर्षित करने में विफल होने के कारण असफल रही थी। इसके बाद केंद्र ने दूसरे दौर की नीलामी की थी और इसमें भी मामूली सफलता मिल पाई। खनिज (नीलामी) संशोधन नियम, 2024 के तहत सरकार तकनीकी रूप से सफल बोलीदाताओं की भागीदारी तीन से कम होने की स्थिति में पहले दौर की नीलामी निरस्त कर सकती है। जिन ब्लॉक के लिए कोई बोलीदाता नहीं मिला, उनके लिए नए सिरे से नीलामी की शुरुआत की गई।

हालांकि यदि किसी ब्लॉक के लिए एक या दो बोलीदाता ही जुटते हैं तो दूसरे दौर की नीलामी होती है। ऐसे में अन्य किसी बोलीदाता के नहीं आने की स्थिति में एकल बोलीदाता को ही ठेका मिल जाता है। सरकार ने पहले दौर में सीमित रुचि होने के कारण मार्च 2024 में सात ब्लॉक की फिर नीलामी की थी लेकिन इस नीलामी शुरुआती बोलीदाता भी नहीं आए। इसमें तीन ब्लॉक के लिए कोई बोली नहीं लगाई गई।

एमएसटीसी के आंकड़ों के अनुसार पहले दौर की नीलामी में 38 ब्लॉक में से 7 ब्लॉक – 18 फीसदी के लिए कोई बोलीदाता नहीं मिला। लिहाजा नीलामी निरस्त कर दी गई।

उद्योग जगत की कम रुचि

उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार भंडार के अस्पष्ट आंकड़े और कमजोर नीतिगत मदद के कारण रुचि कम दिखी है। इससे यह चिंताएं बढ़ने लगी हैं कि भारत की महत्त्पूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भरता पर जोखिम है क्योंकि कई बोलीकर्ताओं के पास अनिवार्य विशेषज्ञता और संसाधन की कमी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह रुझान कायम रहता है तो देश को महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

First Published : September 22, 2024 | 9:34 PM IST