महाराष्ट्र पुलिस ने इंडियाबुल्स समूह की मूल कंपनी इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस समेत समूह की कंपनियों व अन्य के खिलाफ रकम की हेराफेरी और प्रवर्तकों व निदेशकों की तरफ से 2014 से 2020 के बीच खाते में की गई अनियमितता के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
13 अप्रैल को पालघर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की, जिसमें धोखाधड़ी व आपराधिक साजिश शामिल है। पालघर न्यायिक दंडाधिकारी की तरफ से सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत आदेश जारी किए जाने के बाद यह एफआईआर दर्ज हुई है। इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस के शेयरधारक आशुतोष कांबले की तरफ से दर्ज की गई शिकायत के बाद यह देखने को मिला है।
पालघर अदालत में दर्ज शिकायत में कांबले ने दावा किया कि 2014 से 2020 के बीच कथित तौर पर हुई अनियमितता के कारण उसके शेयरों की कीमतें काफी कम हो गई। उन्होंने संस्थापक व प्रवर्तक समीर गहलौत व अन्य निदेशकों के खिलाफ कर्ई आरोप लगाए हैं, जो कंपनी के फंडों की अनियमितता से जुड़ा हुआ है।
इस बीच, समझा जाता है कि प्रवर्तन निदेशालय ने पुलिस टीम से संपर्क किया है और मामले की विस्तृत जानकारी मांगी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की।
संपर्क किए जाने पर इंडियाबुल्स समूह ने कहा, चूंकि मामला विचाराधीन है, लिहाजा इस पर वह टिप्पणी नहीं कर सकता।
हालांकि सूत्रों ने कहा कि कंपनी ने पिछले हफ्ते बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर इस कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है। अदालत इस मामले पर इस हफ्ते सुनवाई कर सकता है।
अदालत में याचिका दो आधार पर दाखिल की गई है। पहला, पालघर के दंडाधिकारी के पास इस संबंध में न्यायाधिकार क्षेत्र नहीं है और दूसरा शिकायतकर्ता कांबले ने अदालत को गुमराह किया है।
