पेटीएम बैंक के मामले में विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन का भी आरोप है और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसकी प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक पेटीएम बैंक द्वारा कई प्रकार के उल्लंघन किए जाने की चिंता जता चुका है।
पेटीएम बैंक पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस और कंपनी संस्थापक विजय शेखर शर्मा के साझे उपक्रम वाली कंपनी है। बताया जा रहा है कि ईडी ने इस मामले में रिजर्व बैंक से और भी जानकारी मांगी है। सूत्रों ने संकेत दिया कि कई एजेंसियां कंपनी की जांच में जुट सकती हैं।
कंपनी मामलों के मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मामले पर करीबी नजर रखी जा रही है। उन्होंने अगले कुछ दिनों में जांच शुरू होने की संभावना से इनकार नहीं किया। सूत्र ने भी कहा, ‘हमें देखना होगा कि समुचित प्रक्रिया अपनाए बगैर या केंद्रीय बैंक को जानकारी दिए बगैर पैसे का लेनदेन तो नहीं हुआ है।’
ईडी फेमा का उल्लंघन होने पर जांच शुरू कर सकता है मगर धनशोधन निवारक अधिनियम के तहत वह तभी जांच कर सकता है, जब भारतीय विधि संहिता या अपराध प्रक्रिया संहिता के किसी कानून के तहत अनुसूचित अपराध किया गया हो। सूत्रों ने बताया कि ईडी रिजर्व बैंक द्वारा जताई गई चिंताओं को भी देखेगा, जिनमें पेटीएम पेमेंट्स बैंक के कामकाज में कई तरह की खामियों की शिकायत भी शामिल हैं।
इस बीच एक्सचेंज को दी सूचना में पेटीएम ने कहा कि उसने ईडी समेत अधिकारियों से मिले नोटिसों का जवाब दे दिया है। उसने कहा कि इसमें कंपनी के कारोबार से जुड़े ग्राहकों की मांगी गई सूचना भी मुहैया करा दी गई है।
पेटीएम ने कहा, ‘…साफ किया जाता है कि वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड, इसकी सहायक कंपनियों और पेटीएम पेमेंट्स बैंक को पिछले कुछ समय से ईडी समेत अधिकारियों से नोटिस मिल रहे हैं। इनमें इन कंपनियों के साथ कारोबार कर चुके ग्राहकों के बारे में जानकारी मांगी जा रही है और कागजात तथा सफाई भी मांगी गई है। जरूरी जानकारी, कागजात और सफाई अधिकारियों के सामने पेश की जा चुकी है। कंपनी और उसकी सहयोगी मांगे जाने पर ऐसी जानकारी, कागजात और सफाई अधिकारियों को देती रही हैं।’ कंपनी ने यह भी कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक से विदेश में रकम नहीं भेजी जाती।
रिजर्व बैंक ने 31 जनवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक का ज्यादातर कामकाज 1 मार्च, 2024 से बंद कराने का ऐलान किया था। इसमें जमा लेना, वॉलेट टॉप-अप करना और रकम मंगाना-भेजना शामिल था।
नियामक ने कहा था कि ऐसा ‘अनुपालन में लगातार लापरवाही बरते जाने और गंभीर चिंताएं उत्पन्न होने’ के कारण किया जा रहा है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसी हफ्ते संवाददाताओं से बातचीत में स्पष्ट कहा था कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ कार्रवाई पर किसी भी तरह का पुनर्विचार नहीं होगा।