ओंगमुला भूटिया पहाड़ी राज्य सिक्किम में गंगटोक के निकट एक छोटे उपनगरीय शहर रानीपोल की निवासी हैं। उन्होंने हाल में किसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिये पहली बार खरीदारी की है। उन्होंने फ्लिपकार्ट की बिग बिलियन डेज (बीबीडी) सेल के दौरान कुछ बेडशीट खरीदी हैं। अब भूटिया ने अगली दूसरी सेल में मोबाइल फोन और कपड़े खरीदने की योजना बनाई है। उन तक ये उत्पाद डोमा तमांग ने पहुंचाए, जो इस क्षेत्र में बढ़ते महिला किराना डिलिवरी साझेदारों में से एक हैं। तमांग अपनी दुकान को संभालने के अलावा गंगटोक के पहाड़ी क्षेत्र में ई-कॉमर्स ऑर्डरों की भी डिलिवरी करती हैं। इस क्षेत्र में वाहन का चलना संभव नहीं है, इसलिए वह पैदल उत्पादों की डिलिवरी करती हैं।
भूटिया देश के छोटे शहरों एवं सुदूरवर्ती इलाकों के उन लाखों ग्राहकों में से एक हैं, जो फ्लिपकार्ट, एमेजॉन और स्नैपडील की प्रमुख त्योहारी सेल के दौरान पहली बार किराना एवं फैशन से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक की खरीदारी कर रहे हैं। कोरोनावायरस महामारी से ग्राहकों का तेजी से ई-कॉमर्स की तरफ रुझान बढ़ रहा है। ऑनलाइन खरीदारी करने वाले लोगों की तादाद और उनके बार-बार खरीदारी करने में इजाफा हो रहा है। इस साल ई-कॉमर्स की ज्यादातर वृद्धि में छोटे शहरों का अहम योगदान रहा है। अब स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है, जिससे छोटे शहरों में ई-कॉमर्स को बल मिल रहा है।
इससे ई-कॉमर्स कंपनियों को अच्छी त्योहारी बिक्री में मदद मिली है। सलाहकार कंपनी रेडसीर के मुताबिक त्योहारी सेल के पहले सप्ताह (15 से 21 अक्टूबर) में सालाना आधार पर बिक्री 55 फीसदी बढ़ी है। इस सप्ताह में सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर 4.1 अरब डॉलर (29,000 करोड़ रुपये) के सामान की बिक्री हुई, जो पिछल साल 2.7 अरब डॉलर थी।
इस साल बिक्री में बढ़ोतरी को ग्राहकों की तादाद में इजाफे से बल मिला है। रेडसीर के मुताबिक इस साल पहले सप्ताह के दौरान कुल खरीदार बढ़कर 5.2 करोड़ हो गए, जो पिछले साल 2.8 करोड़ थे। इस तरह सालाना आधार पर 85 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। इन खरीदारों मेंं से 55 फीसदी से अधिक छोटे शहरों के थे। ई-कॉमर्स कंपनियों की कुल त्योहारी बिक्री 7 अरब डॉलर के आंकड़े को पार करने की संभावना है।
ईवाई इंडिया में पार्टनर और नैशनल लीडर (ई-कॉमर्स और उपभोक्ता इंटरनेट) अंकुर पाहवा ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां वृद्धि को बढ़ाने के लिए छोटे शहरों एवं कस्बों पर बड़ा दांव लगा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘अब वे पा रही हैं कि इन दांवों का फायदा मिल रहा है और इससे अरबों रुपये की बिक्री हो रही है।’
उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स क्षेत्र की बड़ी कंपनियों ने छोटे शहरों एवं कस्बों में डिजिटल सेवाएं पहुंचाने में आपूर्ति, भाषाई बाधा, लॉजिस्टिक्स, मांग पैदा करने और व्यवस्थित उत्पाद पोर्टफोलियो जैसी चुनौतियों को दूर करने के लिए भारी निवेश किया है।
उन्होंने कहा, ‘हम केवल यह देख रहे हैं कि इस क्षेत्र में निवेश से ‘भारत’ क्या कर सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘इस वृद्धि की कहानी में ‘भारत’ केंद्र बिंदु बनने जा रहा है।’ असल में बीबीडी के पांच दिनों में फ्लिपकार्ट पर 6.66 करोड़ लोग आए। इनमें से 52 फीसदी ग्राहक उन छोटे शहरों एवं कस्बों के थे, जिनकी आबादी 20,000 से 50,000 के बीच है। इसके अलावा बीबीडी में यह भी देखने को मिला कि छोटे शहरों से छोटे उद्यम उभरे हैं।
इस बार बीबीडी पर नए विक्रेता 35 फीसदी बढ़े। इनमें से करीब 60 फीसदी विक्रेता उन मझोले शहरों के थे, जिनकी आबादी 50,000 से 1,00,000 है। फ्लिपकार्ट समूह के मुख्य कार्याधिकारी कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘कंपनी का सिद्धांत ई-कॉमर्स का लोकतंंत्रीकरण है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर भारत के मझोले और छोटे शहर नाइकी के अद्यतन जूते खरीदना चाहते हैं तो हम उन्हें ये मुहैया कराएंगे।’
फ्लिपकार्ट बीबीडी के पहले पांच दिनों में एक करोड़ शिपमेंट कर चुकी है। इसमें से 35 लाख की डिलिवरी उसके किराना साझेदारों ने की है, जो पिछली बीबीडी में 10 लाख डिलिवरी ही थी। ये शिपमेंट मोबाइल, फैशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और होम फर्निशिंग जैसी सभी श्रेणियों में हुई हैं। इस प्लेटफॉर्म पर प्रत्येक सेकेंड 110 ऑर्डर आए। इन उत्पादों की डिलिवरी देश भर में की गई। कंपनी ने गुजरात में भारत-पाकिस्तान सीमा से लेकर समुद्र तल से 5,000 फुट ऊपर स्थित सिलिगुड़ी और गिर के जंगलों तक में डिलिवरी की हैं। फ्लिपकार्ट ने महाराष्ट्र के बोर टाइगर रिजर्व के जंगलों के रास्ते 85 किलोमीटर की दूरी तय कर एक छोटे से शहर वर्धा में अपने ग्राहक फिरोज शेख को वॉशिंग मशीन की डिलिवरी की। पूर्वी भारत मेंं एक छोटे से गांव गोलग्राम के निवासियों को पड़ोसी शहर से एक अस्थायी लकड़ी का पुल जोड़ता है। इस पुल के पार खुदरा बाजार है, लेकिन इस छोटे से गांव में बड़ी तादाद में लोग फ्लिपकार्ट से बड़े अप्लायंसेज की अपनी जरूरत पूरी कर रहे हैं। फ्लिपकार्ट के डिलिवरी कर्मी खडग़पुर हब से 50 से 60 किलोमीटर की दूरी तय कर गोलग्राम पहुंचते हैं। वे वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसे बड़े अप्लायंस लेकर लकड़ी का पुल पार करते हैं।
दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन की सबसे बड़ी त्योहारी सेल दी ग्रेट इंडियन फेस्टिवल (जीआईएफ) पर उसके विक्रेताओं और ब्रांड साझेदारों की बिक्री शानदार रही है। एमेजॉन के 91 फीसदी नए ग्राहक छोटे शहरों से आए। यूजर्स ने हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में खरीदारी का अनुभव लिया है। एमेजॉन पर 1,10,000 विक्रेताओं को ऑर्डर मिले। जिन विक्रताओं को ऑर्डर मिले, उनमें से करीब 66 फीसदी कर्नाटक में यादगिर, तमिलनाडु में विरुधुनगर और बिहार में लखीसराय जैसे मझोले और छोटे शहरों के थे। एमेजॉन इंडिया ने एक कार्यक्रम एमेजॉन ईजी चलाया है। यह उन ग्राहकों को खरीदारी करने में मदद दी जाती है जो अभी ऑनलाइन खरीदारी नहीं कर रहे हैं। उनके लिए चुनौतियों में लेनदेन से जुड़ी बाधाएं हैं जैसे भरोसे की कमी, इंटरनेट उपलब्ध न होना, भुगतान इंस्ट्रुमेंट उपलब्ध न होना या तकनीक इस्तेमाल से जुड़ी चिंताएं।
