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ज्यादा हिस्सेदारी घटने से संवर्द्धन मदरसन पर बना रहेगा गतिरोध

Published by
राम प्रसाद साहू
Last Updated- March 17, 2023 | 6:57 PM IST

संवर्द्धन मदरसन इंटरनैशनल (SAMIL) की सह-प्रवर्तक (co-promoter ) सुमितोमो वायरिंग सिस्टम्स (SWS) द्वारा कंपनी में 3.4 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के बाद गुरुवार को SAMIL का शेयर करीब 10.87 प्रतिशत गिर गया था।

जापानी ऑटोमोटिव वायरिंग हार्नेस कंपनी और उसकी सहायक इकाइयों की SAMIL में 17.72 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जो इस सौदे के बाद घटकर 14.32 प्रतिशत रह गई है। मंगलवार को यह खबर आई थी कि सुमितोमो वायरिंग ने 69.90 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर SAMIL में 23 करोड़ शेयर बेचने की योजना बनाई है, जो मंगलवार के बंद भाव की तुलना में 9 प्रतिशत कम थी। हालांकि शुक्रवार को यह शेयर करीब 1 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ।

एक प्रेस विज्ञ​प्ति में SWS ने कहा है कि SAMIL में अपनी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय बढ़ते दर परिवेश में SWS समूह की आं​शिक कर्ज अदायगी के लिए वै​श्विक तौर पर कर्ज घटाने की रणनीति के तहत लिया गया। SAMIL में जापानी कंपनी की शेष हिस्सेदारी और मदरसन सूमी वायरिंग इंडिया (MSWI) में 25.34 प्रतिशत हिस्सेदारी को ध्यान में रखते हुए निवेशक संयुक्त उपक्रम भागीदार की लगातार भागीदारी पर नजर बनाए रखेंगे।

जापानी कंपनी SAMIL में अपनी हिस्सेदारी में और कमी कर सकती है, जिसका एक मुख्य कारण व्यवसायों को दो सूचीबद्ध इकाइयों (SAMIL और MSWI) में पुनर्गठित करना और भारतीय वायरिंग हार्नेस व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करना है। हालांकि SWS ने संकेत दिया है कि वह SAMIL में प्रमोटर बनी रहेगी और कंपनी में विकास की मजबूत संभावनाए हैं।

हालांकि एक विदेशी ब्रोकरेज के विश्लेषक ने कहा कि SWS ने शुरू से ही SAMIL से पूरी तरह निकलने का लक्ष्य रखा था। लेकिन मौजूदा भाव के मुकाबले शेयर भाव में 9-10 प्रतिशत बड़े डिस्काउंट से इसका संकेत मिला है कि वह अपनी हिस्सेदारी घटाने के लिए पूरी तरह तैयार है। विश्लेषक ने कहा कि कंपनी अब SAMILसे पूरी तरह बाहर हो जाएगी और बड़े डिस्काउंट का मतलब होगा कि जब तक यह सौदा पूरा नहीं हो जाएगा तब तक शेयर पर गतिरोध बना रहेगा।

जहां MSWI का शेयर भी 2.76 प्रतिशत तक गिरा है, लेकिन SWS ने संकेत दिया है कि उसका भारतीय वायरिंग व्यवसाय के साथ मजबूत संबंध बना रहेगा और तकनीकी दक्षता के संबंध में वह कंपनी को समर्थन देती रहेगी। विश्लेषकों का मानना है कि SWS भारतीय व्यवसाय को लेकर प्रतिबद्ध है और वह भारतीय इकाई में मौजूदा हिस्सेदारी बनाए रखेगी।

हिस्सेदारी बिक्री और संबद्ध गतिरोध तकनीकी कारण हैं, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि मदरसन का बुनियादी आधार मजबूत है। कुछ ब्रोकर एसएएमआईएल की तुलना में MSWI को पसंद कर रहे हैं, क्योंकि उसने नियोजित पूंजी पर ज्यादा प्रतिफल दिया है, और किसी बड़े पूंजी निवेश की जरूरत नहीं है तथा वह मजबूत मुनाफा मार्जिन से जुड़ी हुई है।

तुलनात्मक तौर पर, कई क्षेत्रों में परिचालन के साथ वै​श्विक उप​स्थिति और विविधीकृत उत्पाद श्रेणियों, पूंजीगत खर्च, अ​धिग्रहण और उत्पाद चक्र ने SAMIL के व्यवसाय को ज्यादा जटिल बना दिया है।

मौजूदा समय में SAMIL 95 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ अपने वित्त वर्ष 2025 के आय अनुमानों के 12.6 गुना पर कारोबार कर रहा है।

First Published : March 17, 2023 | 6:57 PM IST