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Dr. Reddy’s Laboratories: डॉ. रेड्डीज ने डेढ़ अरब मरीजों तक पहुंच के लिए कसी कमर

डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने 2029-30 तक डेढ़ अरब मरीजों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है, कंपनी ने ओटीसी, टीके और नए लाइसेंसिंग साझेदारी में निवेश कर इसे हासिल करने की योजना बनाई है।

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संकेत कौल   
Last Updated- July 04, 2024 | 10:04 PM IST

हैदराबाद की प्रमुख फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) मौजूदा 70.4 करोड़ मरीजों के मुकाबले वित्त वर्ष 2029-30 (वित्त वर्ष 2030) तक डेढ़ अरब मरीजों तक पहुंचने का लक्ष्य बना रही है। कंपनी की 2024 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी अगले पांच वर्षों के दौरान भारत में ओवर द टॉप काउंटर (ओटीसी) और टीके एवं नए लाइसेंसिंग साझेदारी जैसे नए उद्यमों के जरिये इस लक्ष्य को हासिल करना चाह रही है।

डीआरएल के शेयरधारकों को भेजे गए साझा संदेश में कंपनी के चेयरमैन के सतीश रेड्डी और को-चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक जीवी प्रसाद ने जनसांख्यिकी, बीमारी के पैटर्न, कारोबारी मॉडल विकसित होने के साथ-साथ भविष्य के स्वास्थ्य देखभाल रुझानों के महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘हमने उन क्षेत्रों में निवेश शुरू कर दिया हैं जिसमें हमें लगता है कि आने वाले समय में वृद्धि को उन्हीं से रफ्तार मिलेगी। नोवल मोलेक्युल्स (एनसीई, एनबीई और कार-टी), डिजिटल थेरेप्यूटिक्स (वियरेबल्स, ऐप) और कंज्यूमर हेल्थकेयर (पोषण एवं ओटीसी देखभाल) में हम निवेश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि डीआरएल ने हाल ही में नेस्ले इंडिया के साथ संयुक्त उद्यम शुरू किया है। इससे देश में पोषण संबंधी स्वास्थ्य समाधानों के साथ-साथ विटामिन, मिनरल्स, हर्बल और नेस्ले हेल्थ साइंस के पूरक आहारों से कंपनी के पोषण और ओटीसी कारोबार को बल मिलेगा।

संदेश में कहा गया है, ‘ये अपेक्षाकृत नए और दीर्घावधि वाले क्षेत्र हैं, जहां कंपनियों को मजबूत साझेदारी, नई क्षमताओं से निवेश और जोखिम की भूख के जरिये अलग तरीके से सोचने और काम करने की जरूरत होती है।’ डीआरएल ने कहा है, ‘कैंसर की दवा टोरिपैलिमैब पर भारत में नियामकीय कार्य, जिसके लिए हमने जुंशी बायोसाइंसेज के साथ करार किया है आगे बढ़ रहा है।

First Published : July 4, 2024 | 10:04 PM IST