दूरसंचार विभाग ने मांगा सोर्स कोड, फर्में चिंतित

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 8:11 PM IST

वैश्विक दूरसंचार उपकरण निर्माताओं के साथ-साथ दूरसंचार कंपनियों ने दूरसंचार विभाग द्वारा उठाए गए एक कदम पर गंभीर चिंता जताई है, जिसके तहत उनसे टेलीकॉम नेटवर्क में उपयोग किए जाने वाले अपने उत्पादों के सोर्स कोड को साझा करने के लिए कहा है ताकि सुरक्षा उपायों को बढ़ाया जा सके।
विभाग ने विक्रेताओं को बताया है कि सोर्स कोड का परीक्षण दूरसंचार विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं द्वारा किया जाएगा। पहले, विनिर्माताओं द्वारा आंतरिक तौर पर सुरक्षा परीक्षण किए गए थे और स्वप्रमाणनन के बाद ऑपरेटरों को सरकार द्वारा टेलीकॉम गियर स्थापित करने की अनुमति दी गई थी। इनमें से कई कंपनियों ने वेंडर के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें किसी भी तरह की सेंध तथा इससे होने वाली वित्तीय दुष्परिणाम की जिम्मेदारी वेंडर पर डाली गई।
दूरसंचार विभाग ने आज इस मुद्दे पर सभी हितधारकों से आभासी मुलाकात की, जिसमें टेलीकॉम उपकरण निर्माताओं के अलावा मोबाइल डिवाइस निर्माता, विनिर्माता, रेडियो, बेस टॉवर स्टेशन एवं गेटवे आदि शामिल रहे। डॉट ने हितधारकों को एक सप्ताह के भीतर अनुपालन पत्र भेजने के लिए कहा है।
यह कदम ऐसे समय में आया है जब अमेरिका द्वारा मोबाइल निर्माताओं पर स्पाइवेयर उपयोग करने का आरोप लगाया गया है, विशेषकर हुआवे तथा जेडटीई जैसी चीनी कंपनियों द्वारा। यह एक प्रमुख कारण रहा कि जापान जैसे कई प्रमुख देशों ने चीनी विक्रेताओं से 5-जी उपकरण नहीं खरीदने का फैसला किया है। सुरक्षा में सेध लगाने के आरोपों के बावजूद, भारत के 4जी क्षेत्र में अहम हिस्सेदारी रखने वाली चीनी कंपनियों को भारतीय दूरसंचार कंपनियों के साथ मिलकर 5जी तकनीक परीक्षण के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई है। हालांकि नए सुरक्षा मानदंड सभी विक्रेताओं पर लागू होते हैं और माना जा रहा है कि इस विवादास्पद मुद्दे पर मुख्य विक्रेताओं के बीच एकराय नहीं है।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक राजन मैथ्यू कहते हैं, ऐसा पहली बार है जब उपकरणों के इन पहलुओं का परीक्षण शुरू हुआ है। हमारी चिंता का विषय यह है कि इस तरह लाखों सॉफ्टवेयर कोड हो जाएंगे जिससे परीक्षण में समय लग सकता है और हमारे लिए दूरसंचार उपकरणों की स्थापना में महीनों की देरी हो सकती है। यह उद्योग के लिए एक चिंता का विषय है। पहले सरकार ने केवल एक स्व-प्रमाणन के साथ उपकरण खरीदने की अनुमति दी थी।
दूरसंचार क्षेत्र के वेंडरों ने दूरसंचार विभाग के साथ चल रही बैठकों की एक शृंखला में अपनी चिंताएं जाहिर कर दी हैं। एक यूरोपीय विक्रेता कंपनी के शीर्ष कार्याधिकारी कहते हैं, हमने हाल ही में आयोजित किए जा रहे वेंडर फोरम में सरकार के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया है। वे बताते हैं कि सभी निर्माताओं द्वारा आंतरिक तौर पर सोर्स कोड परीक्षण तथा समीक्षा की जाती हैं और ये अत्यधिक गोपनीय जानकारी होती हैं क्योंकि वे उनके आईपीआर से जुड़ी होती हैं। उनका कहना है कि किसी थर्ड पार्टी द्वारा किसी भी तरह के परीक्षण से उनके आईपीआर तथा सोर्स कोड प्रभावित हो सकता है। दूसरा, सॉफ्टवेयर लगातार अद्यतन होता रहता है, यह लाखों लाइन का कोड होता है और इसे जांचना किसी थर्ड पार्टी प्रयोगशाला के लिए लगभग असंभव है। तीसरा, यदि परीक्षण में देरी से सॉफ्टवेयर पैचिंग को रोका जाता है जिससे दूरसंचार विभाग द्वारा अनुमति में समय लगे तो इसका नेटवर्क पर काफी अधिक प्रभाव पड़ेगा।
इससे पहले, दूरसंचार नेटवर्क को लेकर, विशेषकर 5-जी उपकरणों के लिए चीनी हैंडसेट निर्माताओं के खिलाफ सुरक्षा संबंधी प्रश्न पहले उठाए गए थे। हालांकि हुआवे जैसी चीनी कंपनियों ने कहा कि उन पर जासूसी करने के लिए अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करने के आरोप बकवास तथा बेबुनियाद हैं। सरकार द्वारा उठाई गई चिंता पर उन्होंने सरकार के एस्क्रो खाते में अपने सॉफ्टवेयर कोड की पेशकश की ताकि कोड-सुरक्षा में सेंध के संदिग्ध मामले में वे हस्तक्षेप कर सकें।

First Published : June 4, 2020 | 11:23 PM IST