मध्य प्रदेश के छोटे और मध्यम दर्जे के करीब 12 उद्योग संगठनों ने राज्य में एसएमई क्षेत्र के लिए अलग मंत्रालय की मांग की है।
इन संगठनों का मानना है कि उनकी कई पुरानी मांगों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है और इस दिशा में उद्योग मंत्रालय की ओर से पर्याप्त सहयोग नहीं मिल पा रहा है।
एसएमई संगठन के एक पदाधिकारी ने बताया कि पिछले चार सालों में राज्य सरकार ने बड़े उद्योगों से निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं, पर इसका कोई फायदा नहीं हुआ है।
उनका कहना था कि जब तक एसएमई क्षेत्र के लिए अलग से मंत्रालय का निर्माण नहीं किया जाता तब तक उनकी लंबित मांगों के तत्काल निपटारे की गुंजाइश नहीं बनती।
बेहतर बुनियादी सुविधाएं, उद्योग क्षेत्रों में कर वसूली के लिए स्वायत्तशासी इकाइयों का गठन और बिजली बिल जैसे कई ऐसे मामले हैं जिनकी मांग उद्योग संगठन लंबे समय से करते आ रहे हैं।
भारतीय उद्योग परिसंघ में मध्य प्रदेश शाखा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहा, ‘सरकार ने कई बार इन मांगों को पूरा करने के लिए आश्वासन दिया है, पर इन पर अब भी काम किया जाना बाकी है।’
राज्य में लघु उद्योग संगठन के अध्यक्ष आर एस गोस्वामी ने कहा, ‘राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य सरकार ने ‘जितनी बिजली उतना बिल’ का आश्वासन दिया था।
पर इसे अब तक लागू नहीं किया गया है। साथ ही उद्योग क्षेत्रों में अलग से स्थानीय स्वशासन इकाई का गठन अब तक होना बाकी है। एसएमई क्षेत्र के लिए तत्काल एक अलग मंत्रालय की जरूरत है।’
राज्य में छोटे और मझोले उद्योग ऑटो पुर्जे से लेकर इंजीनियरिंग उत्पादों तक का उत्पादन करते हैं। इन उत्पादों की आपूर्ति बड़े उद्योगों को की जाती है। पर आर्थिक मंदी के बीच ऊंची ब्याज दरों, बुनियादी सुविधाओं के अभाव और नौकरशाही अड़चनों की वजह से इस क्षेत्र का विकास प्रभावित हुआ है।
लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इन सारी समस्याओं का हल ढूंढना बहुत जरूरी है। राजेंद्र प्रसाद ने कहा, ‘हम पिछले चार सालों से इन मुद्दों को उठा रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर हम आगे भी दबाव बनाए रखेंगे।’
राज्य के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एक नई उद्योग नीति लेकर आने वाले हैं और उन्होंने भरोसा दिलाया है कि इसमें एसएमई क्षेत्र को पर्याप्त जगह दी जाएगी। इस नीति में एसएमई क्षेत्र पर पूरा ध्यान दिया जाएगा ऐसा उन्होंने आश्वासन दिया है।