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गो फर्स्ट के लेनदारों ने की पुनरुद्धार योजना पर चर्चा, नियुक्त हुए नए RP

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गो फर्स्ट के विमानों का पंजीकरण रद्द करने की मांग के साथ दायर रिट याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है

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अनीश फडणीस   
रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- June 09, 2023 | 11:20 PM IST

गो फर्स्ट के ऋणदाताओं ने ठप पड़ी ​विमानन कंपनी के लिए पुनरुद्धार योजना पर चर्चा की। लेनदारों ने आज आयोजित एक बैठक में कंसल्टेंसी ईवाई के शैलेंद्र अजमेरा को रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया।

नकदी संकट से जूझ रही गो फर्स्ट ने 2 मई को दिवालिया होने की घोषणा की थी। विमानन कंपनी दिवालिया याचिका को नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने 10 मई को स्वीकार किया था। ट्रिब्यूनल ने यह भी पुष्टि की थी कि अल्वारेज ऐंड मार्सल के अभिलाष लाल अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल थे।

मगर लेनदारों ने एक नए रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को चुना है क्योंकि लाल को गो फर्स्ट के प्रबंधन द्वारा चुना गया था। लेनदारों ने समाधान प्रक्रिया के लिए एक नए सलाहकार और एक कानूनी परामर्शदाता का भी चयन किया है। समझा जाता है कि सभी प्रस्तावों को सौ फीसदी मतों से पारित किया गया है।

एक ऋणदाता के वरिष्ठ अ​धिकारी ने कहा, ‘रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की नियुक्ति को पहले एनसीएलटी द्वारा पुष्टि करनी होगी। रकम के लिए आवेदन भी उन्हीं के द्वारा किया जाएगा। बैंक आवेदन की योग्यता और अपने बोर्ड की मंजूरी के आधार पर निर्णय लेंगे। सामान्य तौर पर बैंक इस विमानन कंपनी के परिचालन को दोबारा शुरू कराना चाहते हैं। हम अपनी रकम तभी वसूल पाएंगे जब विमानन कंपनी का परिचालन जारी रहेगा।’

इससे पहले गो फर्स्ट ने 22 विमानों के साथ अपना परिचालन दोबारा शुरू करने के लिए बैंकों से 200 करोड़ रुपये की उधारी मांगी थी। इस रकम का उपयोग परिचालन खर्च के लिए कार्यशील पूंजी के तौर पर किया जाएगा।

विमानन कंपनी के एक सूत्र ने कहा, ‘बैंकों ने विमानन कंपनी की वित्तीय जरूरतों के बारे में आंतरिक तौर पर चर्चा की है। उनके अधिकारियों ने डीजीसीए और नागर विमानन मंत्रालय के अधिकारियों से भी मुलाकात की है और यह समझने की को​शिश की है कि क्या उसे नियामक का समर्थन है। मुझे लगता है कि बैंक आश्वस्त हो गए हैं। इसलिए गो फर्स्ट को बैंकों से रकम मिलने की उम्मीद है और वह अपनी उड़ानें जल्द से जल्द शुरू करना चाहेगी।’

DGCA को सौंपी गई एक समाधान योजना में विमानन कंपनी ने कहा है कि उसके पास परिचालन योग्य अपने 26 विमानों को उड़ाने के लिए 675 पायलट और 1,300 केबिन क्रू सहित पर्याप्त कर्मचारी मौजूद हैं।

हालांकि इस योजना को पट्टादाताओं से चुनौती मिल सकती है। पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने गो फर्स्ट द्वारा विमानों के उपयोग पर रोक लगाने के लिए अदालत का रुख किया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गो फर्स्ट के विमानों का पंजीकरण रद्द करने की मांग के साथ दायर रिट याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है। जबकि एनसीएलटी ने गो फर्स्ट के विमानों के इस्तेमाल पर रोक लगाने और विमान के इंजन का निरीक्षण करने की मांग के साथ दायर याचिका को स्वीकार कर लिया है।

First Published : June 9, 2023 | 9:26 PM IST